नई दिल्ली: पाकिस्तानी मिसाइलों से भारत पूरी तरह महफूज नहीं है। यह दावा रूस के परमाणु विशेषज्ञ पीटर तोपयीचाकनोव ने किया है। वे 'कारनेजी मॉस्को सेंटर' के परमाणु अप्रसार कार्यक्रम के एक वरिष्ठ शोधार्थी हैं। शोधार्थी पीटर तोपयीचाकनोव ने बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली के विकास के लिए भारत और इस्राइल के बीच बड़े पैमाने पर सहयोग के बावजूद पाकिस्तान के परमाणु हमले से भारत खुद को नहीं बचा सकता।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने तोपीचकानोव के हवाले से बताया कि भारत की योजना 10 साल में परमाणु हथियारों और क्षमताओं को विकसित करने की है, पर यह कल्पना करना मुश्किल है कि संघर्ष की स्थिति में यह अपनी सरजमीं को बचाने में कामयाब होगा। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के लिए भारत की उम्मीदवारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया भारत के बारे में आगाह रहेगी।
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उन्होंने कहा कि भारत को मिली परमाणु छूट अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सबक का एक अहम हिस्सा है क्योंकि दिल्ली ने बदले में बहुत कुछ नहीं दिया है, इसने नीतियों और रूख को नहीं बदला। उन्होंने कहा कि भारत के साथ लंबे समय से चली आ रही साझेदारी के बावजूद रूस, इस्लामाबाद और नई दिल्ली दोनों से संबंध विकसित करता रहा है।
भारत ने अपने स्वदेशी सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का ओडिशा तट से रविवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जो दुश्मन के किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम है। इस पर पाकिस्तान ने कहा कि यह क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बिगाड़ेगा और इसकी योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाने की है।