प्रीटोरिया: भारत को दुनिया की सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीकी कंपनियों को निवेश के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने अफ्रीकी कंपनियों से भारत की बदलाव यात्रा में भागीदार बनते हुये निवेश बढ़ाने तथा व्यापार में विविधता लाकर उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष व्यापारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित किया और महान नेताओं नेल्सन मंडेला तथा महात्मा गांधी का जिक्र किया। उन्होंने कंपनियों से भौगोलिक संपर्कों का भी लाभ उठाने को कहा। मोदी ने कहा कि दोनों देशों में वृद्धि एवं विकास के लिये दक्षिण अफ्रीकी व्यापार उत्कृष्ठता तथा भारत में उपलब्ध क्षमताओं को एक-दूसरे के फायदे के लिये उपयोग में लाया जाना चाहिये।
भारत की खूबियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में आकर्षक स्थान बताया। उन्होंने 7.6 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि का जिक्र करते हुये अनुकूल माहौल में कारोबार सुगमता में सुधार के लिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। मोदी ने व्यापार बैठक में कहा, नेल्सन मंडेला तथा महात्मा गांधी जैसे हमारे नेताओं ने हमारे लिये राजनीतिक आजादी हासिल की। अब आर्थिक आजादी का समय आ गया है। इस प्रकार, हमारा संबंध हमारे लोगों की आकांक्षों को पूरा करने की साझी इच्छा पर आधारित है।
बैठक में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ व्यापार एवं उद्योग जगत के करीब 500 दिग्गज मौजूद थे। उन्होंने कहा, हम संकट में मित्र रहे हैं। अब हमें अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। भारत ने पिछले महीने रक्षा क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने के लिए नियमों में छूट दी थी। संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनएसजी दिशानिर्देशों का पालन करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी और निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता जारी रखने पर जोर दिया।
जुमा ने भारतीय अर्थव्यवस्था में रक्षा, खाद्य, खुदरा, विमानन समेत नौ क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढाये जाने के लिए नियमों में छूट देने का स्वागत किया और संकेत दिया कि इन घोषणाओं से इन क्षेत्रों में दक्षिण अफ्रीका से निवेश आकर्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। आतंकवाद से निपटने के बारे में चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि यह हमारे समाज की बुनियाद पर हमला करता है और दोनों देशों ने इससे सक्रियता से निपटने में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, आतंकवाद एक अन्य साझा खतरा है जो हमारे लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। यह हमारे समाज की बुनियाद पर हमला करता है। राष्ट्रपति और मैंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि हमारे दोनों देशों को सजग रहने और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए सक्रियता से सहयोग करने की जरूरत है।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा की गई और वृहद आर्थिक सहयोग के लिए उद्योग से उद्योग के स्तर पर संबंधों को मजबूत बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि दोनों देश आईबीएसए, ब्रिक्स, जी-20, जी-77 समेत अन्य बहुस्तरीय मंचों पर साथ मिलकर काम करेंगे।