काहिरा: मुस्लिम ब्रदरहुड के सर्वोच्च उपदेशक मोहम्मद बदी और प्रतिबंधित इस्लामिस्ट समूह के 35 अन्य सदस्यों को 2013 में हिंसात्मक गतिविधियों में भाग लेने के दोष में उम्रकैद की सजा आज सुनाई गई। लोकतांत्रिक रूप से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से हटाने के बाद 2013 में भीषण हिंसा हुई थी।
जुलाई 2013 में तीन लोगों के मारे जाने की इन हिंसक घटनाओं के मामले में ही 49 लोगों को तीन से 15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत के अधिकारियों ने बताया कि नौ दोषियों को 15 वर्ष, 20 दोषियों को 10 वर्ष और 20 दोषियों को तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने बताया कि 20 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
घटना जुलाई 2013 में इस्लामिया शहर में हुई थी। मुस्लिम ब्रदरहुड और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में तीन लोग मारे गए थे जबकि दर्जनों घायल हुए थे। वर्तमान में प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के शीर्ष नेता 72 वर्षीय बदी को अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें पहले भी हत्या और हिंसा भड़काने के दोष में उम्रकैद की सजा सुनायी जा चुकी है।