वाहिगोया: अफ्रीका के कई देश इस समय जिहादी हिंसा की चपेट में हैं। इसके चलते वहां हर साल हजारों लोग अपनी जिंदगियों से हाथ धो रहे हैं। जिन देशों में जिहादी आतंकियों का वर्चस्व अच्छा-खासा हो चुका है उनमें सूडान, इजिप्ट और सोमालिया जैसे बड़े देश शामिल हैं। इन्हीं में से एक और देश है बुर्किना फासो, जहां जिहादी हिंसा के चलते शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस देश में हमलों के डर से सैकड़ों स्कूलों को बंद कर दिया गया है, शिक्षक छिपे हुए हैं और लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संघर्षरत उत्तरी श्रेत्र में 3 साल से ज्यादा समय में कट्टरपंथी इस्लामवादियों के हमलों के चलते 300 से ज्यादा स्कूलों को बंद किया गया है। माली से लगी सीमा के पास नेनेबोउरो शहर में एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कासौम वादराओगो ने कहा, ‘वे (जिहादी) धीरे-धीरे शिक्षा का खात्मा कर रहे हैं।’ उनके एक साथी की वर्ष 2016 में हत्या कर दी गई थी। पिछले साल शिक्षकों को सुरक्षा का खतरा इतना भयावह लगा कि उन्होंने स्कूल बंद कर दिए।
उन्होंने बताया कि इस्लामिक ‘पश्चिमी शिक्षा’ को लेकर क्रोधित हैं। उन्होंने कहा, ‘वे फ्रांसीसी स्कूल नहीं चाहते, वे अरबी स्कूल चाहते हैं।’ बुर्किना फासो विशाल साहेल क्षेत्र का हिस्सा है, लीबिया में 2011 शुरू हुए संघर्ष के बाद से हिंसक अतिवाद और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। वर्ष 2012 में उत्तरी माली पर इस्लामवादियों ने कब्जा कर लिया था और उसके साथ ही उत्तरी नाइजीरिया में बोको हराम अधिक सक्रिय हुआ।