Highlights
- 24 नवंबर को WHO के पास इस घातक वैरिएंट की पहली रिपोर्ट सामने आई थी।
- अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने ट्रैवल बैन लगाया
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना की एक और लहर का डर पैदा कर देनेवाले दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर फिलहाल स्टडी चल रही है। लेकिन इतनी जानकारी सामने आ चुकी है कि यह डेल्टा वैरिएंट से भी घातक है। शुरुआती स्टडी में यह पता चला है कि इस वैरिएंट में कुल 50 तरह के म्यूटेशन हैं, जिसमें से 30 इसके स्पाइक प्रोटीन में है। इसी वजह से इसे डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक बताया जा रहा है।
ओमिक्रॉन से संक्रमित होने का जोखिम अधिक
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक वैरिएंट के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं।
24 नवंबर को WHO को इस वैरिएंट की पहली रिपोर्ट मिली
दरअसल 24 नवंबर को WHO के पास इस घातक वैरिएंट की पहली रिपोर्ट सामने आई थी। 9 नंवबर 2021 को टेस्ट के लिए आए एक सैंपल में इस घातक वैरिएंट का पता चला था।
इसके बाद इस वायरस पर स्टडी तेज हो गई और WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनम घेब्रेसस ((Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया कि नया कोविड-19 वैरिएंट ओमिक्रोन के बड़ी संख्या में म्यूटेशन हैं जिसमें से कुछ तो काफी चिंताजनक है। इसलिए हमें वैक्सीन को लेकर सजग होना होगा।
वैरिएंट आफ कंसर्न का मतलब
कोरोना वायरस पर काम करने वाले टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ने नए वैरिएंट पर चर्चा के लिए बैठक की और WHO को इसे वैरिएंट आफ कंसर्न करार देने की सलाह दी। इसके बाद WHO ने इसे ओमिक्रोन नाम दिया। वैरिएंट आफ कंसर्न का मतलब वायरस को लेकर बेहद अलर्ट रहने की जरूरत होती है। इसमें देशों को जीनोम सिक्वेंस साझा करना होगा और इसके मामलों की रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को देनी होगी। इसके प्रभाव को समझने के लिए पूरी जांच करनी होगी ताकि इसके जोखिमों व पब्लिक हेल्थ को ध्यान में रखते हुए सही इंतजाम किए जा सकें।
कई देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगाया
दक्षिणी अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट सामने आने के बाद अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने उस क्षेत्र से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। बाइडन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा।
50 लाख से ज्यादा लोगों की मौत
डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस वैरिएंट के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है। लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं।