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एक रहस्यमयी शेख के कारण खाड़ी संकट बना चर्चा का विषय

करीब दो माह से खाड़ी देशों के मध्य जारी संकट के बीच सऊदी अरब द्वारा पूर्व में गुमनाम रहे कतर के शाही परिवार के एक सदस्य का इस्तेमाल किए जाने से इस विवाद में एक नई और अजीब स्थिति पैदा हो गई है।

Edited by: India TV News Desk
Published : August 21, 2017 11:32 IST
 Gulf crisis made topic of discussion due to a mysterious...
Gulf crisis made topic of discussion due to a mysterious Sheikh

दुबई: करीब दो माह से खाड़ी देशों के मध्य जारी संकट के बीच सऊदी अरब द्वारा पूर्व में गुमनाम रहे कतर के शाही परिवार के एक सदस्य का इस्तेमाल किए जाने से इस विवाद में एक नई और अजीब स्थिति पैदा हो गई है। बीते 17 अगस्त को यह घोषणा की गई थी कि सऊदी के शाह सलमान ने कतर की सीमा को वापस खोलने के आदेश दिए हैं ताकि अमीरात के तीर्थयात्री मक्का को जाने वाली वार्षिक हज में शामिल हो सकें। इस फैसले के आने पर ऐसा लगा कि पांच जून से चल रहे संघर्ष में अब कमी आ गई है। यह फैसला शहजादे मोहम्मद बिन सलमान द्वारा कतर के शाही वंश के एक अज्ञात शख्स शेख अब्दुल्ला बिन अली बिन अब्दुल्ला बिन जासिम अल-थानी से मुलाकात किए जाने पर लिया गया। (न्यूयार्क में आयोजित की गई 37वीं इंडिया डे परेड)

ज्ञात हो कि संकट शुरू होने के बाद से यह उच्च स्तरीय पदाधिकारियों की पहली सार्वजनिक मुलाकात थी। सऊदी अरब के अधिकारियों ने सीमा को दोबारा खुलवाने में कतर के एक रहस्यमयी व्यक्ति की भूमिका को रेखांकित किया था। तब यह कहा गया था कि किंग सलमान ने मोरक्को स्थित अपने आवास में शेख अब्दुल्ला का स्वागत किया है। इसके ठीक बाद ट्विटर पर शेख के नाम से एक अकाउंट बनाया गया और उसपर महज दो दिन एवं नौ ट्वीट में ही ढाई लाख फॉलोवर बन गए।

उन्होंने ट्वीट में लिखा, मैंने जो कुछ भी किया, वह कतर की भलाई के लिए था। दोहा ने तुरंत ही कहा कि शेख अपने निजी मिशन के तहत सऊदी अरब में थे न कि सरकार के लिए। कतर में गुस्साए सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि ट्विटर अकाउंट फर्जी है। इससे ये कयास भी लगने शुरू हो गए कि पूर्व अमीर के भाई शेख का इस्तेमाल कतर के मौजूदा नेतृत्व को कमजोर करने या हटाने के लिए भी किया जा रहा है। लेकिन कतर में सत्ता संचालन की जानकारी रखने वाले रणनीतिक जोखिम विश्लेषक और किंग्स कॉलेज लंदन यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर ने कहा कि शेख अब्दुल्ला आज कतर के सत्ताधारियों के करीबी घेरे में शामिल नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि शेख विदेश में रहते हैं लेकिन वह निर्वासित नहीं हैं। शेख अल-थानी शाही परिवार की शाखा से जुड़े हैं, जिसकी ताकत हाल के वर्षों में कम हुई है लेकिन तब भी उनके संपर्क बहुत अधिक हैं। प्रोफेसर ने कहा कि सऊदी अरब और मोरक्को में जो बैठकें हुई हैं, उनका उद्देश्य कतर के नेतृत्व पर दबाव बनाने का था।

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