परंपरा के नाम पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न सदियों से चला आ रहा है। आज के मॉडर्न समाज में भी कुछ ऐसे देश हैं जहां धर्म और परंपरा के नाम पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन हो रहा है। अरब जैसे कुछ देश ऐसे हैं जहां आज भी यह सब कुछ होता है। अरब देशों में 'तहर्रुश गेमिया' नाम का एक खेल खेला जाता है। इस खेल का नाम सुनते ही यह सामान्य बच्चों के खेल की तरह ही लगता है लेकिन इस खेल की पीछे की हकीकत हैरान करने वाली है। सार्वजनिक स्थलों पर खेले जाने वाले इस खेल में एक अकेली लड़की के साथ बाक़ायदा सामूहिक बलात्कार किया जाता है। ये एक ऐसी घिनौना परंपरा है जो अरब देशों से निकलर यूरोप में भी पैर पसार रही है। (VIDEO: खिलौना समझ सांप को उठा उड़े महिला के होश, रॉकेट की गति से उलटे पैर भागी)
क्या है 'तहर्रुश गेमिया'?
'तहर्रुश गेमिया' अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है ‘संयुक्त रुप से छेड़छाड़’। इस खेल में युवा सार्वजनिक स्थान पर अकेली लड़की को निशाना बनाते हैं। झुंड में ये लड़के या तो लड़की के साथ शारीरिक रुप से छेड़छाड़ करते हैं या फिर उसका बलात्कार करते हैं।
कैसे खेला जाता है 'तहर्रुश गेमिया'?
सबसे पहले लड़के एक घेरा बनाकर अकेली लड़की को घेर लेते हैं फिर अंदर वाले घेरे में मौजूद लड़के लड़की का यौन शोषण करते हैं जबकि बाहरी घेरे वाले लड़के भीड़ को दूर रखते हैं।
ख़ौफ़नाक 'तहर्रुश गेमिया',की रिपोर्टर भी हुई थी शिकार
2011 में मिस्र में पहली बार ये घिनौना खेल देखा गया था। साउथ अफ़्रीका की रिपोर्टर लारा लोगन काहिरा के तहरीर स्क्वैयर से रिपोर्टिंग कर रही थी तभी लड़को के एक झुंड ने उन्हें घेर लिया और उनसे छेड़छाड़ की। लारा ने इस घटना के काफी बाद बताया हुए कहा था , “अचानक इसके पहले कि मुझे कुछ समझ में आए कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया और मेरे शरीर पर जगह जगह छूने लगे। वो एक-दो नही की सारे थे। ये ऐसा सिलसिला था जो लगातार चल रहा था।
'तहर्रुश गेमिया' चला अरब से यूरोप की ओर
ये अमानवीय केल अब यूरोप में जड़े जमाने लगा है। नये साल पर जर्मनी में कई जगह ऐसी घटनाओं के होनी की ख़बर मिली है। बताया जाता है कि ये लोग जर्मनी के नहीं किसी अन्य देश के थे। पुलिस को अंदेशा है कि ये 'तहर्रुश गेमिया' ही था जो अब यहां भी शुरु होगया है। ये एक धटना कोलोन की है जहां भीड़ पर पहले पटाखे छोड़े गये फिर नशे में धुत्त अरब या उत्तरी अफ़्रीकी लोगों ने महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की। आश्चर्य की हात ये है कि पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही। उसका कहना है कि भीड़ को संभालने के लिये पुलिस बल नाकाफी था। देखें किस तरह खेला जाता है ये खेल