नई दिल्ली: मिस्र की एक अदालत ने देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को 2011 में जेल से भागने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है।
मिस्र के क़ानून के मुताबिक मुर्सी को मौत की सजा देने से पहले न्यायाधीश को धार्मिक नेता से सलाह मशविरा करना होगा।
पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी पर आरोप है कि उन्होंने 2012 में राष्ट्रपति भवन के बाहर होने वाले प्रदर्शन में अपने समर्थकों के द्वारा प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण के लिए बल प्रयोग किया और उसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी।
मोहम्मद मुर्सी पर कुल तीन आरोप लगाए गए थे. प्रदर्शनकारियों की हत्या व उत्पीड़न, न्यायालय की अवमानना और राष्ट्रीय ख़ु़िफया जानकारियां दूसरे देशों को देना।
पहले आरोप में मोहम्मद मुर्सी के अलावा 12 अन्य उख़्वानियों को 20-20 वर्ष की सज़ा दी गई है।