नई दिल्ली। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए दिया गया है। अबी अहमद को ‘इथियोपिया का नेल्सन मंडेला’ भी कहा जाता है।
नोबेल पुरस्कार जूरी ने बताया कि अबी को ‘‘शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने के प्रयासों के लिए और विशेष रूप से पड़ोसी इरिट्रिया के साथ सीमा संघर्ष को सुलझाने के निर्णायक पहल के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।’’ आइए आपको बताते हैं कि 43 साल के अबी को इथियोपियो का नेल्सन मंडेला क्यों कहा जाता है।
साल 2018 में बने प्रधानमंत्री
अबी अहमद साल 2018 के अप्रैल महीने में इथियोपिया के प्रधानमंत्री बने। वो अफ्रीकी देशों में सबसे युवा राष्ट्राध्यक्ष बने। जब अब 13 साल के थे, उस साल नेल्सन मंडेला जेल से निकले। अबी नेल्सन मंडेला के बड़े फैन हैं, वो अक्सर नेल्सन मंडेला की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनते हैं।
पीएम पद संभालते ही लिए ये बड़े फैसले
अबी अहमद ने इथियोपिया का पीएम पद संभालते ही देश में सुधार प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के 100 दिनों के अंदर अपने देश से आपातकाल हटाया, मीडिया से सेंसरशिप हटाई और बड़ी संख्या में जेल में बंद विपक्षी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया। अबी ने देश के बाहर निर्वासित जीवन जी रहे इथियोपिया के असंतुष्ट नेताओं को भी वापस आने की अनुमति दी।
पड़ोसी देश के साथ सुलझाया सीमा विवाद
अबी अहमद के बड़े कामों के अंदर पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ सीमा विवाद को सुलझाना भी है। अबी ने इरिट्रिया के साथ लंबे लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म करने की पहल की। उन्होंने पीएम पद संभालने के महज 5 महीने बाद इरिट्रिया के साथ सीमा समझौता किया। आपको बता दें कि इथियोपिया और इरिट्रिया के बीच 20 सालों से सैन्य तनाव चल रहा था, दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है। अबी को उनके शांति प्रयासों के लिए ही इथियोपिया का नेल्सन मंडेला कहा जाता है। इसके अलावा भी अबी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बार विवादों को हल करने में मध्यस्ता कर चुके हैं।