हरारे: अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में राजनीतिक उठापठक का दौर फिलहाल थमता नजर आ रहा है। जिम्बाब्वे के नए राष्ट्रपति के तौर पर एमर्सन म्नांगाग्वा ने शुक्रवार को लोगों से खचाखच भरे स्टेडियम में शपथ ली। इसी के साथ रॉबर्ट मुगाबे के 37 साल के शासन का अंत हो गया। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राजधानी के नेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में किया गया। इसमें कई अफ्रीकी देशों के नेताओं सहित गणमान्य लोगों ने भाग लिया। म्नांगाग्वा (75) को मुख्य न्यायाधीश ल्यूक मालाबा ने शपथ दिलाई।
म्नांगाग्वा ने जिम्बाब्वे के प्रति निष्ठावान रहने, जिम्बाब्वे के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने व बढ़ावा देने और अपने कर्तव्यों का पूरी क्षमता के साथ निर्वहन करने की शपथ ली। उनके साथ उनकी पत्नी ऑक्जीलिया भी थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समारोह के बाद विमानों की एक परेड हुई व उन्हें बंदूकों की सलामी दी गई। इसके बाद नए राष्ट्रपति ने संबोधन दिया। मुगाबे ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग नहीं लिया और इसके लिए आधिकारिक स्पष्टीकरण में कहा गया कि 93 साल के मुगाबे को आराम की जरूरत है। कई रिपोटरें में गुरुवार को कहा गया था कि मुगाबे को अभियोग से प्रतिरक्षा प्रदान की गई है।
स्थानीय मीडिया ने अपनी रिपोर्टों में कहा कि म्नांगाग्वा ने मुगाबे के परिवार को अधिकतम सुरक्षा व देखभाल की पेशकश की है। म्नांगाग्वा को 'मगरमच्छ' के नाम से जाना जाता है। 2 साल पहले एक रेडियो साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि एक 'मगरमच्छ' भोजन की खोज में कभी पानी को नहीं छोड़ता है। इसके बजाय वह धीरज के साथ शिकार के आने का इंतजार करता है। उन्होंने कहा था, ‘यह उचित समय पर हमला करता है।’ इस महीने की शुरुआत में म्नांगाग्वा की मुगाबे द्वारा बर्खास्तगी की वजह से सत्तारूढ़ जानू-पीएफ पार्टी व सेना को दखल देना पड़ा, जिससे मुगाबे को पद छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।