काहिरा: मिस्र की एक अदालत ने लीबिया में इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़ने और कॉप्ट्स ईसाई समुदाय के 21 लोगों के सिर काटने जैसे अपराध में शामिल 7 लोगों को शनिवार को मौत की सजा सुनाई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुलजिमों ने नए लोगों की भर्ती करने एवं परीक्षण देने और आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने के लिए लीबिया की सीमा के करीब मार्सा माट्रोह प्रांत के उत्तरी तटीय शहर में एक गुट का गठन किया था।
काहिरा फौजदारी अदालत ने इस फैसले पर गैर-बाध्यकारी इस्लामिक कानूनी राय के लिए देश के सर्वोच्च धार्मिक प्राधिकरण, ग्रैंड मुफ्ती को आतंकवादी समूह के 7 सदस्यों की फाइलें भेजी हैं। अदालत में न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी उग्रवादियों ने काहिरा, अलेक्जेंड्रिया, मरास माट्रोह और मिस्र के बाहर 2012 से अप्रैल 2016 तक आतंकवादी हमलों में हिस्सा लिया। मिस्र के 21 कॉप्ट्स की हत्या में भी शामिल कुछ आतंकवादी 2015 के फरवरी तक लीबिया में काम कर रहे थे।
मिस्र पिछले कुछ सालों से आतंकी हमलों से जूझ रहा है। होस्नी मुबारक के सत्ता से बेदखल होने और पूर्व राष्ट्रपति मोर्सी के हटाए जाने के बाद इस देश में आतंकी गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस लड़ाई में मिस्र को अपने कई पुलिस अधिकारियों और सैनिकों को खोना पड़ा है। आतंकवादियों ने हाल के दिनों में ईसाई समुदाय के लोगों को खासतौर पर निशाना बनाया है।