काहिरा: मिस्र की एक सैन्य अदालत ने कई गिरजाघरों पर जानलेवा बम विस्फोटों में भूमिका के लिए 36 लोगों को आज मौत की सजा सुनायी। वकीलों ने बताया कि काहिरा , अलेक्जेंड्रिया और नीद नदी के डेल्टा में स्थित टांटा शहर के कोप्टिक चर्चों में कई बम विस्फोटों में कम से कम 80 लोग मारे गये थे। इन बम विस्फोटों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली थी। (सीरिया में हुए केमिकल अटैक का संयुक्त सैन्य जवाब देंगे अमेरिका और सहयोगी देश )
बचाव पक्ष के वकीलों के मुताबिक , हमलों में भूमिका के लिए सैन्य अदालत में कुल 48 लोगों को आरोपी बनाया गया। मिस्र में 9.6 करोड़ की आबादी में कोप्टिक अल्पसंख्यक की आबादी करीब 10 प्रतिशत है और आईएस कई मौकों पर उन्हें निशाना बनाती रही हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर में मिस्र में 15 आतंकवादियों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी। इस आतंकवादियों को 2013 में देश के हुए एक हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इस हमले में 9 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। एक अदिकारी ने बताया कि 11 दोषियों को बुर्ज अल-अरब कारागार में फांसी दी गई, जो अलेक्जेंड्रिया के दक्षिण पश्चिम में 55 किलोमीटर दूर स्थित है