नैरोबी: अफ्रीका के कई देश आज अपने यहां हो रही गधों की चोरी से परेशान हैं। दरअसल, जिलेटिन की मांग की वजह से अफ्रीकी देशों से कालाबाजारी के जरिए गधों की खाल को चीन भेजा जा रहा है। गधों की चोरी इस कदर बढ़ गई है कि अफ्रीका के कई देशों में लोगों को इसके चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि कई अफ्रीकी देशों में काफी संख्या में लोग कृषि कार्यों और भारी सामानों की ढुलाई के लिए गधों पर निर्भर होते हैं।
केन्या की बात करें तो हाल ही में देश की राजधानी नैरोबी के रहने वाले जोसेफ कामोनजो कारियूकी के 3 गधे लापता हो गए थे और बाद में इन सब के अवशेष बरामद हुए। केन्या से लेकर बुरकिनी फासो तक और मिस्र से लेकर नाइजीरिया तक के पशु अधिकार समूहों का कहना है कि गधे के खाल की कालाबाजारी करने वाले चीन में जेलिटिन की मांग को पूरा करने के लिए गधों को मारकर उनकी खाल को निकालते हैं। जिलेटिन गधे की खाल से बनता है और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य क्षेत्र में होता है।
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि चीन में गधों की संख्या में कमी आने से अब इसकी आपूर्ति अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका से हो रही है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि अफ्रीका के 14 देशों की सरकारों ने गधे की खाल के निर्यात पर रोक लगा दी है। हालांकि फिर भी गधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। केन्या की बात करें तो बीते 9 सालों में गधों की संख्या 18 लाख से घटकर 12 लाख रह गई है। कहा जा रहा है कि यदि गधों के गायब होने की यही रफ्तार रही तो एक दिन कई अफ्रीकी देशों में गधे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे।