हेमबर्ग: तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने बर्लिन से कहा है कि वह लोकतंत्र और मानवाधिकारों के बारे में उसे उपदेश ना दे। दरअसल जर्मनी ने तुर्की के राष्ट्रपति की शक्तियों को बढ़ाने की खातिर मत जुटाने के लिए होने वाली रैलियों की इजाजत नहीं दी है जिस वजह से विवाद बढ़ रहा है। मंत्री ने कल कहा, कृपया हमें मानवाधिकारों और लोकतंत्र पर भाषण ना दें। वह तुर्की सरकार के लगभग 200 समर्थकों को संबोधित कर रहे थे जो उत्तरी शहर हेमबर्ग में स्थित देश के वाणिज्य दूतावास में इकट्ठे हुए थे।
- इराकी सुरक्षा बलों का मोसुल के सरकारी कार्यालयों पर कब्जा
- चीन ने दलाई लामा पर निशाना साधते हुए कहा, कि वह बहुरूपिया हैं
जर्मनी के स्थानीय अधिकारियों ने उन रैलियों पर पाबंदी लगा दी है जिनका उद्देश्य तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन की शक्तियों को बढ़ाने के लिए अप्रैल में होने वाले जनमतसंग्रह के लिए प्रवासी मतदाताओं का समर्थन जुटाना था। इन रैलियों को तुर्की के अधिकारी संबोधित करने वाले थे। उन्होंने कहा, हमारे चुनाव और जनमतसंग्रह में जर्मनी को दखल नहीं देना चाहिए। जो लोग जनमतसंग्रह में हां कहने वाले हैं उन्हें रोका जा रहा है जो सही नहीं है।
स्थानीय अधिकारियों ने आग से जुड़ी सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए हेमबर्ग में उस रैली पर रोक लगा दी जिसे कावुसोग्लु संबोधित करने वाले थे। पुलिस ने कहा कि एर्दोगन के लगभग 200 विरोधी वाणिज्य दूतावास के बाहर जमा हो गए थे, उनके पास तख्तियां थी जिन पर लिखा था तानाशाह एर्दोगन- नहीं कावुसोग्लु ने कहा कि वह जर्मनी में अपने समकक्ष सिग्मर गाब्रियल से आज मुलाकात करेंगे। पिछले हफ्ते से नाटो सहयोगी तुर्की और जर्मनी के बीच तनाव बना हुआ है क्योंकि जर्मनी ने ऐसी कई रैलियों पर रोक लगा दी है जिन्हें तुर्की के कैबिनेट मंत्री संबोधित करने वाले थे।