टोरंटो: शोधकर्ताओं ने कैंसर के कारणों की खोज की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने इस बात की खोज कर ली है कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त डीएनए कोशिका के अंदर किस प्रकार एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचता है और इसकी मरम्मत कैसे होती है।
युनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में प्रोफेसर करीम मेखाइल ने कहा, "वैज्ञानिक इससे अवगत थे कि एक क्षतिग्रस्त डीएनए मरम्मत के लिए कोशिका के अंदर एक विशेष 'अस्पताल' (कोशिका में मौजूद खास जगह) तक जाता है, लेकिन सबसे बड़ा रहस्य था कि वह वहां पहुंचता कैसे है।"
उन्होंने कहा, "हमने डीएनए एंबुलेंस तथा उस रास्ते की खोज कर ली है।"
खमीर कोशिकाओं की मदद से मेखाइल ने इस 'डीएनए एंबुलेंस' की खोज कर ली है, जो क्षतिग्रस्त डीएनए को अस्पताल तक पहुंचाता है। यह एक मोटर प्रोटीन कॉम्प्लेक्स है।
वैज्ञानिकों ने डीएनए अस्पताल की भी खोज कर ली है, जिसे 'न्यूक्लियर पोर कॉम्प्लेक्स' के नाम से जाना जाता है और यह क्षतिग्रस्त डीएनए की अशुद्धता पूर्वक मरम्मत करता है।
डीएनए की गलत ढंग से मरम्मत बेहद अहम है, क्योंकि इसमें हमारी तमाम अनुवांशिक जानकारियों के निर्देश होते हैं।
मरम्मत किए गए डीएनए में रेप्लिकेशन की क्षमता होने के कारण यह बेहद अनियंत्रित ढंग से कोशिका पर नियंत्रण करता है, जो कैंसर का कारण बनता है।
कैंसर प्राय: क्रोमोजोम के टूटने तथा उसके गलत ढंग से मरम्मत के कारण होता है।
यह अध्ययन पत्रिका 'नेचर कम्युनिकेशंस' में प्रकाशित हुआ है।