काहिरा: मिस्र की एक अदालत ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) क्षेत्रीय आतंकवादी समूह से संबद्ध एक आतंकवादी सेल के गठन के लिए शनिवार को 12 आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई। समाचार एजेंसी एमईएनए के मुताबिक राजधानी काहिरा के उत्तर में स्थित शारकिया प्रांत की जागाजिग आपराधिक अदालत ने प्रतिवादियों को युवाओं को भर्ती कर उन्हें गुरिल्ला युद्ध प्रशिक्षण के लिए सीरिया भेजने व शहर में हथियारों का इस्तेमाल करने के अलावा, वर्तमान शासन का तख्तापलट करने का प्रयास करने और सेना व पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने के लिए एक आतंकवादी सेल का गठन करने का दोषी ठहराया।
आतंकवाद की आग में झुलस रहा है मिस्र
एक साल तक लोगों के भारी प्रदर्शन के बाद सेना द्वारा साल 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से पदच्युत करने के बाद से ही मिस्र आतंकवाद की आग में झुलस रहा है। उस वक्त से लेकर अब तक सरकार विरोधी हमलों में सैकड़ों पुलिसकर्मी व सैनिक मारे गए, जबकि मुर्सी के वफादारों का दमन करने के दौरान एक हजार से अधिक लोगों की जानें ली गई, जबकि हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और मुस्लिम ब्रदरहुड को एक आतंकवादी समूह ठहराते हुए काली सूची में डाल दिया गया।
हिंसा फैलाने के आरोपों में हिरासत में हैं मोहम्मद बादी, बाकी नेता
मुर्सी तथा मुस्लिम ब्रदरहुड के सर्वोच्च पथ प्रदर्शक मोहम्मद बादी सहित समूह के अधिकांश नेता साल 2011 में जेल ब्रेक कांड व हिंसा फैलाने के आरोपों के तहत वर्तमान में हिरासत में हैं और उन्हें मौत की सजा व आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जो अपील के योग्य है।
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