हवाना: क्यूबा के नागरिक अपने दिवंगत क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो को सोमवार सुबह से अगले दो दिनों तक प्लाजा डे ला रेवॉल्यूसियोन स्थित जोस मार्टी मेमोरियल में श्रद्धांजलि देंगे। समाचार एजेंसी 'एफे' की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी के साथ कास्त्रो के अंतिम संस्कार की रस्में शुरू हो जाएंगी, जो रविवार चार दिसंबर तक चलेंगी। स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह नौ बजे से मंगलवार दोपहर तक लोग क्यूबा के नागरिक क्रांतिकारी नेता को अंतिम विदाई दे पाएंगे। (विदेश की खबरों के लिए पढ़ें)
कास्त्रो जिस स्क्वोयर में बतौर राष्ट्रपति भाषण दिया करते थे, वहां मंगलवार को उनके लिए अंतिम विदाई समारोह भी आयोजित किया जाएगा। दुनियाभर के नेता और नामचीन हस्तियां समारोह में उपस्थित होंगी। बुधवार को कास्त्रो की अस्थियों को पूरे द्वीप में ले जाया जाएगा, ताकि सभी क्यूबाई उन्हें अंतिम विदाई दे पाएं।
कास्त्रों की अस्थियों की यह यात्रा 'आजादी का कारवां' के विपरीत मार्ग से होकर गुजरेगी, जिसमें 1959 में सियेरा मेस्त्रा के विद्रोहियों ने सांताडियागो डी क्यूबा से देश को पार कर क्यूबाई क्रांति की जीत का परचम लहराया था। कास्त्रो की अस्थियां शनिवार को सांताडियागो पहुंचेंगी, जब एंटोनियो मकेओ स्क्वे यर में एक और भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जाएगा। कास्त्रों की अस्थियों को हवाना के सांता इफिजेनिया कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
गौरतलब है कि क्यूबा के सरकारी टीवी ने शनिवार को उनके निधन की घोषणा की थी। क्यूबा के राष्ट्रपति रह चुके कम्युनिस्ट क्रांतिकारी कास्त्रो 90 वर्ष के थे। कास्त्रो ने क्यूबा में लगभग पांच दशक तक शासन किया और बाद में साल 2008 में सत्ता अपने भाई रॉल कास्त्रो को सौंप दी।
कौन है फिदेल कास्त्रो
1. 1959 में कास्त्रो, रेवोल्यूशन के जरिए अमेरिका सपोर्टेड फुल्गेंकियो बतिस्ता की तानाशाही को उखाड़ फेंक सत्ता में आए थे।
2. फिर वह क्यूबा के पीएम बन गए और 1976 तक इस पोस्ट पर रहे।
3. कास्त्रो 1976 से 2008 तक क्यूबा के राष्ट्रपति भी रहे।
4. साल 1965 में ये क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के पहले सेक्रेटरी बने।
5. एडमिनिस्ट्रेशन में क्यूबा वन-पार्टी कम्युनिस्ट स्टेट बना।