सिडनी: म्यांमार की नेता आंग सान सू ची को‘‘ मानवता के खिलाफ अपराध’’ के लिए जिम्मेदार ठहराये जाने के कानूनी प्रयासों के बीच ऑस्ट्रेलिया के अटॉर्नी जनरल ने आज कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नेता को देश में मुकदमों से छूट हासिल है। ऑस्ट्रेलिया के पांच वकीलों के एक समूह ने मेलबर्न मजिस्ट्रेट अदालत में एक निजी अर्जी देकर अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हो रहे व्यवहार के लिए सू ची के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी। (चीन ने कहा, ताइवान पर अपनी गलती सुधारे अमेरिका )
गौरतलब है कि सू ची सिडनी में आयोजित दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के नेताओं के सम्मेलन में भाग ले रही हैं। म्यांमार द्वारा रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ पिछले छह महीनों से चलाये जा रहे अभियान के कारण समुदाय के करीब सात लाख लोग देश छोड़ कर बांग्लादेश चले गये हैं। संयुक्त राष्ट्र इस पूरे अभियान के‘‘ जातीय सफाया’’ बता रहा है। हालांकि, म्यामां ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और उसका कहना है कि वह अगस्त में रोहिंग्या उग्रवादियों द्वारा किये गये हमलों पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है।
अटॉर्नी जनरल क्रिश्चन पोर्टर नेकहा कि ऑस्ट्रेलिया में ना तो सू ची के खिलाफ मुकदमा चल सकता है और न ही उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है या गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ आंग सान सू ची को पूर्ण छूट प्राप्त है।’’ देश की सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान पर चुप्पी साधने को लेकर दुनिया भर में सू ची की कटु आलोचना हो रही है।