नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में एक लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई वहीं इस संक्रमण से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़कर 19 लाख 40 हजार तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 4 लाख 60 लाख लोग ठीक हो चुके हैं।
स्पेन में कोरोना वायरस ने ली 18,000 से अधिक लोगों की जान
स्पेन में मंगलवार को कोरोना वायरस से 567 लोगों की मौत होने के बाद, इस देश में कोविड-19 से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ कर 18,056 हो गई है। आधिकारिक तौर पर स्पेन में मृतकों का यह आंकड़ा, अमेरिका और इटली के बाद दुनिया में तीसरा सर्वाधिक आंकड़ा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में नए संक्रमणों की संख्या में 1.8 फीसदी की वृद्धि होने के बाद, कोरोना वायरस से प्रभावित मामले 172,541 हो गए हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए स्पेन में 14 मार्च से लॉकडाउन लागू है।
नेपाल सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 27 अप्रैल तक बढ़ायी
नेपाल सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन की अवधि 27 अप्रैल तक बढ़ाने का मंगलवार को निर्णय लिया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। नेपाल में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 16 हो गई है जिसके बाद यहां मंत्रिमंडल की एक बैठक के दौरान लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया। देश में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू है और बुधवार को इसकी अवधि समाप्त होने वाली थी। बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रिमंडल की एक बैठक में उच्च स्तरीय कोविड-19 रोकथाम एवं नियंत्रण समिति की सिफाारिश के अनुसार इस संबंध में निर्णय लिया गया।’’
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की 25 गरीब देशों को कर्ज से राहत देने की मंजूरी
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अभियान में मदद के लिये 25 गरीब देशों को तत्काल कर्ज राहत उपलब्ध कराने की घोषणा की है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जियोर्जिवा ने एक बयान में कहा कि मुद्राकोष ने गरीब सदस्य देशों को संकट के समय में उनके कर्ज दायित्वों से राहत देने का निर्णय किया है। यह राहत फिलहाल छह महीने के लिये दी जा रही है। इससे उन्हें अपने दुर्लभ संसाधनों का आपात चिकित्सा और अन्य राहत कार्यों में उपयोग करने में मदद मिलेगी। मुद्राकोष के निदेशक मंडल ने कर्ज राहत को मजूरी दे दी है। जिन देशों को मदद दी जा रही, उनमें ज्यादातर अफ्रीकी देश हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान, यमन, नेपाल और हैती भी इस सूची में शामिल हैं।