बोस्टन. पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से परेशान है। ये बीमारी हर रोज हजारों लोगों की जान ले चुकी है। दुनिया में अमेरिका, ब्राजील और भारत इस बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन तीनों देशों में रोज बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं। ऐसे हालातों में सभी चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस बीमारी के खात्मे के लिए वैक्सीन बन जाए। भारत और अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में इस वैक्सीन पर काम चल रहा है। नई वैक्सीन पर एक रिसर्च में अच्छी बात सामने आई है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक प्रयोगशाला में किए गए प्रयोग में पाया गया कि दो मौजूदा दवाएं कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 (कोरोना वायरस) को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकती हैं। जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक वैक्यूओलिन-1 और एपिलिमोड को वर्षों पहले मूल रूप से विकसित किया गया था। ये दोनों दवाएं एक बड़े एंजाइम पिकफाइव काइनेज को निशाना बनाती हैं।
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अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन से पहले कोविड-19 के संक्रमण में इस एंजाइम की भूमिका के बारे में बहुत कम जानकारी थी। उन्होंने कहा कि परीक्षण के दौरान इस प्रक्रिया को दोहराने की जरूरत है जो संकेत देता है कि कोविड-19 के इलाज में यह संभावित पद्धति हो सकती है।
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हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर और शोध पत्र के सह वरिष्ठ लेखक टॉमस किरछाउसेन ने कहा, "हमारे अध्ययन से इंगित होता है कि सार्स-कोव-2 के खिलाफ इस काइनेज को विषाणु रोधी दवा से निशाना बनाना प्रभावी रणनीति हो सकती है और कोविड-19 की गंभीरता को कम करने में सहायक होगा।"
किरछाउसेन ने बताया कि उन्होंने सीन व्हेलन प्रयोगशाला में कोशिका जीवविज्ञान अध्ययन किया। उन्होंने कहा, "एक हफ्ते के भीतर हमने पाया कि प्रयोगशाला में एपिलिमोड मानव कोशिका में सार्स-कोव-2 के संक्रमण से बचाती है।"
(भाषा)