काहिरा: मिस्र की राजधानी काहिरा में स्थित भारतीय दूतावास में संविधान दिवस का आयोजन किया गया और इस दौरान संविधान निर्माण पर एक हिंदी नाटक का मंचन तथा एक फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। भारतीय दूतावास की सांस्कृतिक शाखा मौलाना आजाद सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (एमएसीआईसी) ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया और इस अवसर पर मिस्र में भारत के राजदूत भी शामिल हुए।
दूतावास की सांस्कृतिक शाखा में हिंदी भाषा का अध्ययन करने वाले छात्रों ने संविधान निर्माण शीर्षक से नाटक का मंचन किया था। भारतीय संविधान पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर राजदूत संजय भट्टाचार्य ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में संविधान सर्वोच्च कानून है और इसका ओहदा संसद से भी उपर है। उन्होंने कहा, संविधान हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश का सर्वोच्च कानून है। इसलिए यह संसद से भी उपर है। यह सरकार और न्याय प्रणाली से भी उपर है। लेकिन उसी समय यह नियत नहीं है क्योंकि परिस्थितियां बदलती रहती हैं।
उन्होंने कहा, आजादी के समय ऐसा कहा गया था कि हम लोग तीन क्रांतियों से गुजर रहे हैं: राजनीतिक क्रांति, दूसरी सामाजिक क्रांति, और तीसरी आर्थिक क्रांति। ये सभी गतिशील थीं और संविधान वास्तव में इन सभी का जवाब देने की कोशिश कर रहा था। काहिरा स्थित अल-अहराम सेंटर फॉर पॉलिटिकल एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज में अरब-यूरोपीय विभाग के प्रमुख ए.महमूद अल-शोबाकी ने भी इस अवसर पर अहम संबोधन दिया।