टोरंटो: कनाडा की मीडिया में आई खबरों में शुक्रवार को कहा गया कि कनाडा की खुफिया एजेंसी को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान उनके कार्यक्रमों में दोषी खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल की मौजूदगी के परिणामों के बारे में चेताया गया था। ट्रूडो की पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली में तैनात कनाडाई उच्चायुक्त की ओर से अटवाल को दिए गए डिनर के न्योते के मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया था। अटवाल को 1986 में वेंकूवर आइलैंड में पंजाब के कैबिनेट मंत्री मल्कियत सिंह सिद्धू को गोली मारने के मामले में दोषी करार दिया गया था।
उच्चायुक्त नादिर पटेल ने गुरुवार रात ट्रूडो के लिए आयोजित डिनर के लिए अटवाल का न्योता रद्द कर दिया जबकि विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह पता लगाएगा कि अटवाल भारत में कैसे दाखिल हुआ। सूचना देने वाले शख्स ने अपनी पहचान का खुलासा नहीं करने की शर्त पर इस बात की पुष्टि की कि उसने 17 फरवरी को कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के एक एजेंट से इस उम्मीद में बात की थी कि कनाडाई सरकार को अटवाल के आपराधिक इतिहास के बारे में बता दिया जाए। उस शख्स ने CSIS एजेंट को बताया कि ‘यह PM के लिए शर्मिंदगी की बात है और CSIS को PM कार्यालय में एक नोट भेजना चाहिए, और उन्होंने एक नोट भेजा।’ पोस्टमीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, CSIS ने प्रतिक्रिया जाहिर करने के अनुरोधों पर कोई जवाब नहीं दिया।
अपने परिवार के साथ कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो। (PTI)
एक अलग सूत्र ने पोस्टमीडिया को बताया कि सर्रे में पंजाबी भाषा की मीडिया के कुछ सदस्यों ने अटवाल के इतिहास की खबरें 20 फरवरी को नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के पास भेज दी थी। सूत्र ने कहा कि यह ज्ञात तथ्य है कि आतंकवादी संगठन अंतरराष्ट्रीय सिख यूथ फेडरेशन का पूर्व सदस्य अटवाल प्रधानमंत्री ट्रूडो और कनाडाई प्रतिनिधिमंडल के साथ कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए भारत जा रहा था। चेतावनियों के बाद भी अटवाल 21 फरवरी को मुंबई में एक स्वागत समारोह में दिखा। वहां उसने ट्रूडो की पत्नी सोफी ग्रेगॉयर और आधारभूत संरचना मंत्री अमरजीत सोही के साथ तस्वीरें खिंचवाई।
वेंकूवर सन की रिपोर्ट में कहा गया कि यह घटना ट्रूडो के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गई, क्योंकि उन्होंने भारत में यह दिखाने की भरपूर कोशिश की कि कनाडा सिख अलगाववाद को लेकर नरम रूख नहीं रखता और एक भारत में यकीन करता है। अटवाल पर एक बार भारतीय मूल के पूर्व ब्रिटिश कोलंबिया प्रीमियर उज्जल दोसांझ पर हमले का भी आरोप लगा था। दोसांझ ने कहा कि वह यह सुनकर चौंक गए कि अटवाल को प्रधानमंत्री के डिनर के लिए आमंत्रित किया गया था।