रियो डि जेनरो: लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील की नीतियों पर सत्ता परिवर्तन के बाद से ही असर दिखना शुरू हो गया है। ब्राजील के नव-निर्वाचित धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने इसकी पुष्टि की है कि देश इजरायल स्थित अपने दूतावास को जेरूसलम ट्रांफर करेगा। अमेरिका के बाद अपने इजरायली दूतावास को जेरूसलम स्थानांतरित करने वाला ब्राजील दूसरा बड़ा अमेरिकी देश होगा। ब्राजील की सेना के पूर्व कैप्टन ने तेल अवीव से अपना दूतावास जेरूसलम ले जाने की नई विवादित घोषणा की है।
माना जा रहा है कि बोलसोनारो के इस कदम से न सिर्फ फिलीस्तीन बल्कि पूरी दुनिया को बड़ा झटका लगेगा। गौरतलब है कि बोलसोनारो ने रविवार को चुनाव में जीत मिलने के बाद अपने रूढ़िवादी एजेंडा को लागू करने में कोई देरी नहीं की है। बोलसोनारो ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘जैसा कि पहले हमारे प्रचार अभियान में कहा गया था, हम ब्राजील के दूतावास को तेल अवीव से जेरूसलम ट्रांसफर करने वाले हैं। इजरायल एक सम्प्रभु देश है और हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए।’
कूटनीतिक मोर्चे की बात करें तो बोलसोनारो के इस कदम से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी निकटता बढ़ेगी। इजरायल पूरे जेरूसलम को अपनी राजधानी मानता है वहीं फिलीस्तीनी पूर्वी जेरूसलम को भविष्य में अपनी राजधानी के रूप में देखते हैं। इस घोषणा के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ‘मैं ब्राजील के दूतावास को जेरूसलम स्थानांतरित करने की मंशा पर अपने मित्र ब्राजील के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को बधाई देता हूं। यह ऐतिहासिक, सही और उत्साहवर्द्धक कदम है।’
गौरतलब है कि अमेरिका की दशकों पुरानी नीति में बदलाव करते हुए 14 मई, 2018 को ट्रंप प्रशासन ने अपने इज़राइली दूतावास को तेल अवीव से जेरूसलम ले जाने का फैसला लिया था।