ब्राजिलिया: ब्राजील की सर्वोच्च संघीय अदालत के न्यायाधीशों ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति लुइज इंसियो लूला दा सिल्वा की जेल से बचने की अर्जी को अस्वीकार कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 घंटे के सत्र के बाद बंदी प्रत्यक्षीकरण के खिलाफ 6 वोट पड़े व 5 इसके पक्ष में पड़े। निर्णायक मत अदालत अध्यक्ष कारमेन लुसिआ रोचा ने डाला। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका नामंजूर होने के बाद अब लूला को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है जो उन्हें 2018 के राष्ट्रपति चुनावों में भाग लेने से रोक देगा।
सिल्वा भ्रष्टाचार व धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं और उन पर सरकारी अनुबंधों में कंपनियों का पक्ष लेने के एवज में एक अपार्टमेंट लेने का आरोप है। हालांकि, लूला अपार्टमेंट के स्वामित्व से इनकार करते रहे हैं। लूला को दोषी पाया गया था और 2017 में साढ़े नौ साल के जेल की सजा सुनाई गई थी। एक अपीलीय अदालत ने 24 जनवरी को धनशोधन व रिश्वत लेने के लिए दोषी करार दिए जाने के खिलाफ दायर लूला की याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने उनकी प्रारंभिक सजा को कठोर कर दिया और इसे बढ़ाकर 12 साल से ज्यादा कर दिया था।
ब्राजील के कानून के अनुसार, अपीलीय अदालत द्वारा दोषी पाए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी की जा सकती है। लेकिन, लूला के वकीलों ने इसका विरोध किया था और कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति को तब तक आजाद रखा जाए जब तक सभी तरह की अपीलों की सुनवाई न हो जाए। अब उनकी यह अर्जी खारिज होने के बाद उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।