यरूशलम: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए नौ सितंबर को एक दिन की भारत की यात्रा करेंगे। उनकी यह यात्रा यहूदी राष्ट्र में अभूतपूर्व ढंग से पुन: होने जा रहे आम चुनाव से आठ दिन पहले होगी। सूत्रों ने कहा, ‘‘(इजराइली) प्रधानमंत्री नौ सितंबर को कुछ घंटे के लिए ही भारत में होंगे। इस दौरान वह मोदी से मुलाकात करेंगे। अभी फिलहाल किसी अन्य महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी नहीं है, लेकिन आगामी दिनों में किसी चीज पर काम हो सकता है, संभवत: व्यावसायिक बैठक के बारे में।’’
नेतन्याहू 20 जुलाई को इजराइल के प्रधानमंत्री के रूप में सबसे अधिक समय तक सेवारत रहने वाले व्यक्ति बन गए थे। उनसे पहले यह रिकॉर्ड यहूदी देश के प्रथम प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियोन के नाम था। इस समय नेतन्याहू को कड़ी राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में उनकी लिकुड पार्टी की स्थिति डांवाडोल नजर आती है।
नेतन्याहू के गठबंधन सरकार का गठन करने में विफल रहने के बाद इजराइली सांसदों ने मई में 45 के मुकाबले 74 मतों से नेसेट (संसद) को भंग करने और अभूतपूर्व ढंग से दोबारा आम चुनाव कराने की सिफारिश की थी।
यहां कुछ विश्लेषकों का कहना है कि मोदी से मुलाकात कर नेतन्याहू चुनाव से पहले अपने अभियान में मजबूती लाना चाहते हैं। हारेत्ज के स्तम्भकार योसी वेर्टर ने लिखा कि नेतन्याहू की किस्मत उनके साथ नहीं है, लेकिन वह यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मोदी के साथ तस्वीर खिंचवाने से उन्हें मदद मिल सकती है। उन्होंने लिखा कि ऐसा कहा जाता है कि तेल अवीव स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय ने नयी दिल्ली में अपने समकक्षों से संपर्क किया और आमंत्रण के लिए आग्रह किया। पत्रकार ने लिखा कि नेतन्याहू (भारत में) उतरेंगे, मुलाकात करेंगे, अपनी तस्वीर खिंचवाएंगे और अपनी यात्रा को इजराइल की सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिहाज से ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण’’ के रूप में प्रचारित-प्रसारित करेंगे, शिकायत करेंगे कि वामपंथी मीडिया ने उनकी यात्रा की अनदेखी की और फेसबुक पर कुछ अपलोड करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय ने नेतन्याहू की यात्रा के लिए 25 अगस्त की तिथि का सुझाव दिया था, लेकिन इजराइली पक्ष ने इसे सितंबर के शुरू में करने पर जोर दिया, अंतत: नौ सितंबर की तारीख तय हुई, ठीक 16 साल बाद जब इजराइली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने भारत की यात्रा करने वाले पहले इजराइली प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया था। नेतन्याहू की नयी दिल्ली यात्रा के आमंत्रण के लिए पहला आग्रह इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीर बेन सब्बाथ की भारत के यात्रा के दौरान किया गया था। इजराइल में चुनाव से पहले फरवरी में दोनों नेताओं के मिलने का कार्यक्रम तय हुआ था, लेकिन नेतन्याहू ने अन्य व्यस्तताओं के चलते यात्रा को रद्द कर दिया था।
इजराइली संसद के भंग होने और पुन: चुनाव कराए जाने की घोषणा के बाद नेतन्याहू की भारत यात्रा के लिए प्रयास फिर से शुरू कर दिए गए। इससे पहले नेतन्याहू ने जनवरी 2018 में भारत की यात्रा की थी, जबकि मोदी ने 2017 में इजराइल की यात्रा की थी और वह यहूदी देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए थे। नेतन्याहू ने हवाईअड्डे पर मोदी की अगवानी की थी।