अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब A Promised Land आज आने वाली है। लेकिन इस किताब को लेकर इन दिनों भारत में काफी चर्चा हो रही है। इसका कारण यह है कि राहुल गांधी के बाद अब ओबामा की किताब से सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर लिखी कुछ बातें सामने आईं हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहल न्यूयॉर्क टाइम्स की समीक्षा में बराक ओबामा की नजरों में राहुल गांधी को एक नर्वस और कम योग्यता वाला राजनेता कहा गया था।
ओबामा ने अपनी किताब के एक पेज में लिखा है कि एक से अधिक राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना था कि सोनिया गांधी ने पीएम पद के लिए मनमोहन सिंह का चुनाव काफी सोच समझ कर किया था। इसके साथ ही ओबामा ने लिखा है कि भारत की राजनीति अब भी जाति, धर्म और परिवारवाद के इर्द-गिर्द घूम रही है, हालांकि इस संदर्भ में ये कहा जा सकता है कि डॉ मनमोहन सिंह का पीएम के रूप में चुनाव इनसे इतर देश की प्रगति की दिशा में हुई एक कोशिश थी, लेकिन इसके साथ ये भी सच है कि वो अपनी लोकप्रियता की वजह से प्रधानमंत्री नहीं बने बल्कि उनको सोनिया गांधी ने पीएम बनाया।
राहुल के लिए खतरा नहीं थे मनमोहन सिंह
ओबामा कहते हैं कि इस बारे में एक से अधिक राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का चुनाव काफी सोच समझ कर किया था, क्योंकि मनमोहन सिंह एक ऐसे बुजुर्ग सिख नेता थे जिनका कोई राष्ट्रीय राजनीतिक आधार नहीं था। ऐसे नेता से उन्हें अपने 40 वर्षीय बेटे राहुल के लिए कोई सियासी खतरा नहीं दिखा, क्योंकि तब वो उन्हें बड़ी भूमिका के लिए तैयार कर रहीं थीं। इससे पहले ओबामा की इस किताब में राहुल गांधी को लेकर की गई टिप्पणी भी सामने आ चुकी है। ओबामा की 768 पन्नों वाली किताब आज बाजार में आने वाली है।
रामायण और महाभारत सुनकर बड़े हुए बराक ओबामा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि भारत के प्रति उनके दिन में एक विशेष स्थान है क्योंकि वे रामायण और महाभारत सुनकर बड़े हुए हैं। बराक ओबामा ने अपनी किताब 'A Promised Land' में यह बात कही है। बराक ओबामा ने अपनी किताब में लिखा है कि उनका बचपन इंडोनेशिया में बीता है और वे वहीं पर रामायण और महाभारत की ऋचाएं सुनकर बड़े हुए हैं। भारत की प्रशंसा करते हुए बराक ओबामा ने अपनी किताब 'A Promised Land' में लिखा है कि भारत बहुत बड़ा देश है और यहां पर दुनिया की कुल आबादी का छठा हिस्सा रहता है और 2000 से ज्यादा संप्रदाय हैं तथा 700 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती है। ओबामा ने कहा है कि वे 2010 में राष्ट्रपति बनने से पहले कभी भी भारत नहीं गए थे लेकिन भारत के प्रति उनकी सोच में एक विशेष स्थान है।