स्टेपनकर्ट: नागोर्नो-काराबाख को लेकर आर्मीनिया और आजरबैजान के बीच चले आ रहे दशकों पुराने विवाद को बातचीत के जरिए पटरी पर लाने के लिए शुक्रवार को अमेरिका ने दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों के बीच मध्यस्थता की मेजबानी की। हालांकि, इसके बावजूद शनिवार को रिहायशी इलाकों पर रॉकेट अथवा अन्य हथियारों से हमले किए गए। भारी गोलीबारी के कारण नागोर्नो-काराबाख की प्रांतीय राजधानी स्टेपनकर्ट के निवासियों को सुरक्षित आश्रयों में जाना पड़ा और आपातकालीन दल आग बुझाने में जुटे रहे। नागोर्नो-काराबाख के अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र के अन्य शहरों में भी आजरबैजान की तरफ से गोले दागे गए। हमले में किसी के हताहत होने के बारे में तत्काल कोई सूचना उपलब्ध नहीं थी।
वहीं, आजरबैजान के अधिकारियों ने दावा किया कि आर्मीनिया की ओर से शनिवार सुबह टार्टर शहर और गुबादिल क्षेत्र में गोलीबारी की गई, जिसमें एक किशोर की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि आजरबैजान के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा में पूर्व में हुए हमले में घायल 13 वर्षीय लड़के की शनिवार को मौत हो गई।
नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र आजरबैजान के क्षेत्र में आता है, लेकिन इस पर 1994 से आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय समूहों का नियंत्रण है। इस क्षेत्र को लेकर आजरबैजान और आर्मीनियाई बलों के बीच 27 सितंबर को संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है।
दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम के लिए रूस की ओर से दो बार मध्यस्थता की कोशिश की गई लेकिन इसके लागू होने के कुछ ही देर बाद इसका उल्लंघन हो गया था और दोनों पक्षों ने इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था।
इस बीच, अमेरिका ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए प्रयास किए थे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अलग-अलग वार्ता के लिए आर्मीनिया और आजरबैजान के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की। बातचीत के बाद पोम्पियो ने ट्वीट किया था, ''दोनों को संघर्षविराम लागू करना चाहिए और ठोस वार्ता पर लौटना चाहिए।''
रात को हुए हमले के बाद स्टेपनकर्ट के निवासी जॉर्जी ने कहा, ''बिल्कुल अभी मेरे बाग में एक बम फटा है। अगर यही तथाकथित संघर्षविराम है तो पूरे दुनिया को यह संघर्षविराम देखने दीजिए। यह मेरी मातृभमि है और मैं इसे छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला।''