कैनबरा: आग की तबाही से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया में आदिवासी नेताओं के एक फैसले ने सबको हैरान कर दिया है। उन्होंने सूखाग्रस्त इलाकों में पीने के पानी को बचाने के लिए दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में करीब 10 हजार ऊंटों को मारने का आदेश दिया है। आग की तबाही से जूझ रहा ऑस्ट्रेलिया अब 10 हजार ऊंटों को मारने जा रहा है। कारण ये ऊंट साल भर में एक टन मीथेन उत्सर्जित करते हैं, जो इतनी ही कार्बन डाईऑक्साइड के बराबर है। इसके अलावा, ऊंटों की बढ़ती जनसंख्या भी देश के लिए समस्या बन रही है, क्योंकि यह सूखे वाले इलाके में पानी पी जाते हैं।
यह काम बुधवार से शुरू किया जाएगा, जिसमें पेशेवर निशानेबाज हेलीकॉप्टर से ऊंटों का शिकार करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले कुछ आदिवासी समुदायों की शिकायत है कि जंगली ऊंट पानी की तलाश में उनके इलाके में आते हैं और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी शिकायत के बाद ऊंटों को मारने का फैसला लिया गया है। इसमें करीब पांच दिनों का समय लग सकता है।
ऊंटों को मारे जाने का एक कारण दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में पानी की कमी होना भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हम पानी की किल्लत की वजह से एसी का पानी भी स्टोर कर रखते हैं। ये ऊंट इस पानी को पीने आ जाते हैं। ये घर के आसपास घूमते हैं और फेंसिंग को भी नुकसान पहुंचाते हैं। बुधवार से हेलिकॉप्टर से पेशेवर शूटर ऊंटों को मारना शुरू करेंगे। मध्य ऑस्ट्रेलिया में इनकी आबादी 12 लाख से अधिक है।