सिडनी: ऑस्ट्रेलिया ने पश्चिमी यरुशलम को इज़राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शनिवार को इसकी घोषणा की लेकिन साथ ही कहा कि तेल अवीव से दूतावास को तब तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा जब तक कोई शांति समझौता नहीं हो जाता। मॉरिसन ने भविष्य में पूर्वी यरुशलम को फलस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की भी प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम एशिया में ‘‘उदार लोकतंत्र’’ का समर्थन करना ऑस्ट्रेलिया के हित में हैं। साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए कहा कि उस जगह पर इज़राइल को ‘तंग’ किया गया।
बता दें कि इसराइल यरुशलम को अपनी अविभाजित राजधानी मानता है, जबकि फ़लस्तीनी पूर्वी यरुशलम, जिसपर 1967 के अरब-इसराइल युद्ध में इसराइल ने कब्ज़ा कर लिया था, को उनके भावी राष्ट्र की राजधानी मानते हैं। इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के पवित्र शहर यरूशलम को लेकर विवाद बहुत पुराना और गहरा है।
यरूशलम इसराइल-अरब तनाव में सबसे विवादित मुद्दा भी है। ये शहर इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्मों में बेहद अहम स्थान रखता है। पैगंबर इब्राहिम को अपने इतिहास से जोड़ने वाले ये तीनों ही धर्म यरूशलम को अपना पवित्र स्थान मानते हैं। यही वजह है कि सदियों से मुसलमानों, यहूदियों और ईसाइयों के दिल में इस शहर का नाम बसता रहा है।