Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अन्य देश
  4. चीन के कड़े कानून से बचाने के लिए हांगकांग के निवासियों को पनाह दे सकता है ऑस्ट्रेलिया

चीन के कड़े कानून से बचाने के लिए हांगकांग के निवासियों को पनाह दे सकता है ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उनकी सरकार हांगकांग के निवासियों को अपने यहां पनाह दे सकती है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : July 03, 2020 12:49 IST
Australia Hong Kong, Hong Kong China, Hong Kong, Australia Hong Kong China
Image Source : AP Police detain protesters during a march marking the anniversary of the Hong Kong handover from Britain to China, Wednesday, July. 1, 2020, in Hong Kong.

कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उनकी सरकार हांगकांग के निवासियों को अपने यहां पनाह दे सकती है। मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया उन निवासियों को पनाह मुहैया कराने पर विचार कर रहा है जिन्हें हांगकांग में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के चीन के कदम से खतरा है। मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि उनका मंत्रिमंडल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरह के ही अवसरों को मुहैया कराने पर जल्द ही विचार करेगा जिन्होंने हांगकांग वासियों को नागरिकता की पेशकश की है।

मॉरिसन ने कहा, ‘जब हम इस पर अंतिम निर्णय ले लेंगे तो मैं आपको बताऊंगा। लेकिन अगर आप पूछ रहे हैं कि हम समर्थन देने की तैयारी कर रहे हैं? तो जवाब है- हां।’ ब्रिटेन ब्रिटिश राष्ट्रीय विदेशी पासपोर्ट के पात्र हांगकांग के 30 लाख निवासियों को अपने यहां आने का अधिकार दे रहा है जिससे वह 5 सालों के लिए ब्रिटेन में रह सकेंगे और काम कर सकेंगे। ऑस्ट्रेलिया हांगकांग निवासियों को अस्थायी सुरक्षा वीजा दे सकता है जिससे वहां के शरणार्थी देश में 3 सालों तक रह सकेंगे।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ऑस्ट्रेलिया से इस सुरक्षा कानून को ‘उचित तथा वस्तुनिष्ठ’ परिदृश्य में देखने का अनुरोध किया। उन्होंने बीजिंग में कहा, ‘हांगकांग को आड़ बनाकर चीन के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करिए और गलत रास्ते पर चलने से बचिए।’ बता दें कि अमेरिकी संसद ने भी हांगकांग में सख्त ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच चीन के कदम को लेकर उस पर प्रतिबंध लगाने वाला एक विधेयक पारित कर दिया है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement