रियो दि जनेरियो: ब्राज़ील के शहर अमाज़ोनास की एक जेल में दो गिरोह के बीच रविवार-सोमवार को हुए दंगे फ़साद में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं। ब्राज़ील में 1992 के बाद ये सबसे भयंकर ख़ूनख़राबा है जिसमें कई लोगों के तो सिर तक काट डाले।
अमाजोनास सार्वजनिक सुरक्षा सचिव सर्जियो फोन्टस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जेल में इस हिंसा में कई कैदियों के सिर धड़ से अलग कर दिए गए हैं, शव क्षत-विक्षत कर दिए गए हैं और इस दौरान जेल में आग लगा दी गई।
फोन्टस ने कहा, "एक तरफ लाशें बिछी हुई थी। एफडीएन ने पीसीसी के संदिग्ध सदस्यों की हत्या कर दी। इसके साथ ही कुछ और कैदियों की भी हत्या कर दी गई।"
सार्वजनिक सुरक्षा सचिवालय के मुताबिक, अमाजोनास की यह घटना अब तक का सबसे बड़ा नरसंहार है।
धिकारियों के अनुसार ये ख़ून ख़राबा देश के दो बड़े आपराधिक गिरोह के बीच हुआ जो जेल पर नियंत्रण करना चाहते थे। उनके बीच मादक पदार्थ की तस्करी को भी लेकर अनबन थी।
सोमवार को एक अन्य जेल में चार कैदियों की हत्या कर दी गई। पुलिस इसके क़त्लेआम से संबंध की संभावना का पता लगा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दंगे के दौरान 112 क़ैदी फ़रार हो गए।
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इस जेल में 1,224 क़ौदी थे हालंकि इसकी क्षमता 592 क़ैदियों को रखने की है। इस जेल को एक निजी कंपनी चलाती है उसे कैदियों की संख्या के अनुसार भुगतान किया जाता है।
दंगे के दौरान जेल के 12 सुरक्षाकर्मियों को बंदी बना लिया गया था लेकिन वे सुरक्षित हैं।