पेशावर: उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के स्वात जिले के एक पहाड़ में पाकिस्तानी और इतालवी पुरातात्विक विशेषज्ञों ने 1,300 साल पुराने एक हिंदू मंदिर को खोज निकाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बारिकोट घुंडई में खुदाई के दौरान इस मंदिर का पता लगा। खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग के फजले खलीक ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह मंदिर भगवान विष्णु का है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर 1,300 साल पहले हिंदू शाही काल के दौरान बनाया गया था। बता दें कि हिंदू शाही राजाओं ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के एक बड़े इलाके पर लगभग 175 साल तक शासन किया था।
176 वर्षों तक चला था हिंदू शाही राजवंश का शासन
बहुत कुछ आज भी पता नहीं चल पाया है और उनके बारे में अभी तक जो भी जानकारी सामने आई है, वह कुछ सिक्कों, पत्थरों और टुकड़ों में मिले दस्तावेजों पर आधारित है। इन्हीं के आधार पर माना जाता है कि हिंदू शाही या काबुल शाही (850-1026 ई) एक हिंदू राजवंश था जिसने काबुल घाटी (पूर्वी अफगानिस्तान), गंधार (आधुनिक पाकिस्तान) और वर्तमान उत्तर पश्चिम भारत में शासन किया था। पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान मंदिर स्थल के पास छावनी और पहरे के लिए मीनारें आदि भी मिले हैं। विशेषज्ञों को मंदिर के पास पानी का कुंड भी मिला है जहां श्रद्धालु पूजा से पहले शायद स्नान करते थे।
‘पहली बार मिले हिंदू शाही काल के निशान’
खलीक ने एक बेहद ही अहम जानकारी देते हुए कहा कि इलाके में पहली बार हिंदू शाही काल के निशान मिले हैं। इटली के पुरातत्व मिशन के प्रमुख डॉ लुका ने कहा कि स्वात जिले में मिला गंधार सभ्यता का यह पहला मंदिर है। स्वात जिले में बौद्ध धर्म के भी कई पूजा स्थल स्थित हैं। हिंदू शाही शासकों ने काबुल को युद्ध में कई बार खोकर उसपर कब्जा किया था लेकिन गंधार के इलाके में उनका प्रभाव लंबे समय तक बना रहा था।