रियो डे जैनेरियो: ब्राजील की मुश्किलें बढ़ा रहा जीका दुनिया के कई देशों के लिए खतरे की घंटी बजा चुका है। ब्राजील ने जहां अपने पड़ोसियों से अपील की है कि वो इस खतरनाक वायरस के साथ लड़ाई में उनका साथ दें वहीं परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वैज्ञानिकों से इस पर जल्द से जल्द अनुसंधान करने को कहा है। बहरहाल यूरोप और अमेरिका के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके इस वायरस ने विदेशी सैलानियों के लिए भी परेशानियां पैदा कर दी हैं। पढ़ें जीका के बारे में वो सब कुछ जिसे आप जानना चाहेंगे।
सबसे पहले युगांडा में आया जीका वायरस
1940 में सबसे पहले युगांडा में जीका वायरस का मामला सामने आया था। धीरे-धीरे यह वायरस अफ्रीका में भी फैलने लगा। जहां से यह दक्षिण प्रशांत और एशिया की कईं जगहों में फैला। इस साल इस वायरस के लक्षण ब्राजील में देखे गए। डॉक्टरों का कहना है कि 2014 में हुए विश्व कप के दौरान ही शायद यह वायरस ब्राजील आया था।
क्या है लक्षण:
इस वायरस से प्रभावित व्यक्ति में तेज बुखार होता है। जोड़ों में दर्द होने लगता है आखों में जलन होने के साथ-साथ हाथ पांव में सूजन आने लगती है। इस वायरस से माइक्रोसेफली नामक बीमारी होती है। इस बिमारी में नवजात शिशु का सिर छोटा रह जाता है और उसके दिमाग का विकास भी नहीं हो पाता। इस रोग से अब तक 29 नवजात शिशुओं की जान जा चुकी है। डॉक्टर बच्चों की मृत्यु की जांच कर रहे हैं।
जीका वायरस से जुड़ी पांच खास बातें:
क्या है जीका और यह इतना खतरनाक क्यों?
जीका एक तरह का फ्लेवीवायरस है, जो कि वायरस की एक प्रजाति है। वैज्ञानिक भाषा में यह वायरस की एक फैमिली का हिस्सा है जैसे कि येलो फीवर, वेस्ट नाइल, चिकुनगुनिया और डेंगू। लेकिन इस तरह के वायरस के ठीक उलट जीका की रोकथाम के लिए न तो कोई वैक्सीन है और न ही इसके संक्रमण की कोई बेहतर रोकथाम। जीका इन दिनों पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है, क्योंकि यह वायरस और माइक्रोसिफैली (अल्पविकसित छोटे आकार का सिर) के बीच का घातक काम्बिनेशन है। यह एक मस्तिष्क संबंधी विकार है, जिसमें पैदा होने वाले बच्चों का सिर असमान्य रुप से छोटे आकार का होता है। इस वजह से कई तरह की समस्याएं सामने आती है और पीड़ित की मौत भी हो सकती है। पिछले नवंबर महीने से ब्राजील के 4,180 बच्चों में माइक्रोसिफैली की समस्या देखने को मिली है, जिनकी माताएं गर्भधारण के दौरान ही जीका वायरस से संक्रमित हो गई थीं।
कैसे फैलता है जीका वायरस:
इस वायरस का संक्रमण तब होता है जब एडीज मच्छर किसी ऐसे व्यक्ति को काटता है जो संक्रमण से पीड़ित होता है फिर यही मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काट लेता है। जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण होते हैं वो इस वायरस के प्रसार का वाहक बन जाते हैं। WHO ने हाल ही में आशंका जताई थी कि जीका वायरस जल्द ही पूरे अमेरिका को अपनी चपेट में ले सकता है। अगर लक्षणों की बात की जाए तो जीका वायरस के लक्षण आम होते हैं जैसे कि बुखार, सिर दर्द और संभवता आंखों का गुलाबी हो जाना। यहां तक कि इस बीमारी से पीड़ित 80 फीसदी लोगों को पता ही नहीं चलता कि वो जीका की चपेट में हैं।
अगली स्लाइड में पढ़ें जीका वायरस के बारे में