हवाना: युद्ध के क्षेत्र में दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाले कोलंबिया के लड़ाकों का अब हृदय परिवर्तन होने जा रहा है। आर्ट ऑफ लिविंग के अनुसार अपनी सरकार के साथ शांतिवार्ता में शामिल क्यूबा में मौजूद ये लड़ाके अब महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चलने को तैयार हैं।
आर्ट ऑफ लिविंग ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि कोलंबियाई नागरिक सेना के लड़ाकों ने आर्ट ऑफ लिविंग का संचालन करने वाले आध्यात्मिक गुरु रवि शंकर की तीन दिवसीय क्यूबा यात्रा के दौरान उनसे मिलकर गांधीवाद अपनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
वक्तव्य में कोलंबिया की नागरिक सेना (एफएआरसी) के कमांडर इवान माक्र्वेज के हवाले से कहा गया है, "हम कोलंबिया के सभी नागरिकों के न्याय और शांति के लिए काम करेंगे।"
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि माक्र्वेज, पाब्लो काटाटुम्बो और उनके समूह ने रवि शंकर का उनके धैर्य, तालमेल और बुद्धिमत्ता के लिए आभार व्यक्त किया है।
माक्र्वेज ने एक संवददाता सम्मेलन में बताया कि लंबी चर्चा के बाद एफएआरसी अंतत: गांधी के दिखाए अहिंसा के रास्ते पर चलने पर सहमत हुआ।
एफएआरसी के सदस्यों में से एक कमांडर पैस्टर आलोप ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान की कमी महसूस की जा रही थी और इसकी अत्यधिक आवश्यकता थी।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने कहा कि कोलंबिया की नागरिक सेना का हृदय परिवर्तन 'एक ऐतिहासिक बदलाव की तरह है'।
गौरतलब है कि वामपंथी विचारधारा से प्रेरित एफएआरसी संगठन कोलंबिया में 1964 से हिंसक संघर्ष में शामिल है। विभिन्न खबरों के मुताबिक एफएआरसी में इस समय करीब10,000 लड़ाके हैं।
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि एफएआरसी ने रवि शंकर से हवाना में इस समय जारी शांति प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारीके लिए निवेदन किया है।
रवि शंकर ने कहा, "इस संघर्ष में सभी को पीड़ित के तौर पर देखा जाना चाहिए। सभी दोषियों में एक पीड़ित छिपा हुआ है,जो मदद की गुहार लगा रहा है।"