इराक के मोसुल से ISIS का सफाया करने के बाद हाल ही में प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने बगदाद में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, अल्लाह का शुक्र है, हमने मोसुल को आजाद करा लिया और यह साबित कर दिया है कि बाकी सब गलत थे, मोसुल के लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ हमारे सुरक्षा बलों का समर्थन किया और हमारे साथ खड़े हुए। गौरतलब है कि ओल्ड सिटी की अल-नूरी मस्जिद पर नियंत्रण के बाद करीब एक सप्ताह पहले उन्होंने आईएस के स्वयंभू खलीफा शासन को खत्म करने की घोषणा की थी। (ISIS के खिलाफ बड़ी जीत पर इराक के प्रधानमंत्री ने दी सैनिकों को बधाई)
इसी बीच मोसुल में ISIS के साथ जंग के दौरान लापता हुए 39 भारतीय नागरिकों को खोजने के लिए सरकार जुट गई है। लापता हुए भारतीयों के बारे में जानकारी इकट्टठी करने के लिए भारतीय विदेश राज्यमंत्री इकार के लिए रवाना हो गए है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का कहना है कि मोसुल को ISIS के चंगुल से आजाद कराना आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में एक महत्वपूर्ण परिणाम है, और भारत इसका स्वागत करता है। इराकी प्रधानमंत्री की ओर से मोसुल के मुक्त होने की घोषणा के बाद से ही सरकार ने इन भारतीय नागरिकों का पता लगाने के लिए अपने कई माध्यमों को सक्रिय कर दिया है।
बागले ने कहा कि इराक में भारतीय राजदूत और इरिबल में वाणिज्य दूत को निर्देश दिया गया कि वे भारतीय नागरिकों का पता लगाने के लिए प्रयास जारी रखें। आपको बता दें कि लापता हुए 39 भारतीयों में से आधे पंजाब के हैं। जिस कारण भारतीय विदेश मंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री को यह विश्वास दिलाया है कि सरकार उन 39 भारतीयों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है।