अदीस अबाबा: अफ्रीकी नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से महाद्वीप के बारे में उनकी अशिष्ट टिप्पणी के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफ्रीकी नेताओं ने ट्रंप से अशिष्ट टिप्पणी ‘जो कूटनीतिक शिष्टाचार के सभी रूपों को खारिज करती है’ के लिए माफी की मांग की। रविवार और सोमवार को अफ्रीकी संघ के सम्मेलन के दौरान बनाए गए इस मसौदे के अनुसार देश और सरकार के प्रमुख ट्रंप द्वारा कथित रूप से अफ्रीकी देशों की तुलना एक गंदे शौचालय से करने से ‘बहुत आक्रोशित’ है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अफ्रीका और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी ट्रंप के ‘जातिवाद और विदेशी लोगों को पसंद न करने के व्यवहार’ के कारण इस समय खतरे में है। कई अफ्रीकी नेता पिछले महीने ट्रंप की टिप्पणी से उग्र हो गए थे। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने अशिष्ट भाषा का इस्तेमाल नहीं किया था जबकि वहां मौजूद लोगों का कहना था कि उन्होंने ऐसा किया था। अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष मूसा फकी महामत ने घोषणा की कि ट्रंप के ‘घिनौने’ बयान के बारे में ‘अफ्रीका चुप नहीं बैठ सकता है।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप की यह टिप्पणी हैती, अल सल्वाडोर और अफ्रीकी देशों के लोगों के संदर्भ में की गई थी। ट्रंप ने कहा कि हमें इनके बजाए नॉर्वे जैसे देशों के आव्रजकों को पनाह देनी चाहिए। हालांकि ट्रंप ने इस तरह की भाषा के इस्तेमाल से इनकार किया था। व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक में दो रिपबल्किन सीनेटर भी मौजूद थे, जिन्होंने ट्रंप के दावे का समर्थन किया लेकिन डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को कई बार 'शिटहोल्स' कहा और उनके खिलाफ नस्लभेदी भाषा का इस्तेमाल किया।