भारत: आंतरिक संघर्ष से जूझ रहे यमन में फंसे 806 भारतीय नागरिकों को तीन विमानों के जरिए रविवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि यमन से सभी भारतीयों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम सभी भारतीय नागरिकों को यमन से बाहर निकाल लेंगे। यात्रा के कागजों के लिए किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।"
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि दक्षिणी यमन के अदन बंदरगाह से सभी भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
उन्होंने लिखा, "अदन से नागरिकों को बाहर निकालने का काम पूरा हो गया है। भारतीय नौसेना को धन्यवाद।"
उन्होंने ट्वीट में यह भी कहा, "यमन से भारतीय नागरिकों को निकालने का कार्य पूरे जोरों पर है-आज (रविवार) 806 भारतीय नागरिक स्वदेश लौट आएंगे।"
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान मुंबई उतरने को तैयार हैं, इनमें से 225 नागरिकों को ला रहा एक विमान रात 9.45 बजे पहुंचेगा और 229 नागरिकों को ला रहा दूसरा विमान मध्यारात्रि के लगभग पहुंचेगा।
अकबरुद्दीन ने कहा कि एयर इंडिया का एक विमान 352 यात्रियों को लेकर मध्यरात्रि के बाद कोच्ची पहुंचेगा।
भारत, यमन के अल मकुल्ला बंदरगाह से समुद्र के रास्ते अपने 182 नागरिकों एवं 21 विदेशी नागरिकों को भी निकालने में सफल रहा, जबकि यमन की राजधानी सना से तीन विमानों के जरिए 488 अन्य भारतीय नागरिकों को भी निकाल लिया गया।
सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बताया कि यमन के दक्षिणी बंदरगाह अदन से सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, "अदन से भारतीय नागरिकों को निकालने का कार्य पूरा हुआ, भारतीय नौसेना को धन्यवाद।"
स्वराज ने एक और ट्वीट किया, "भारतीय वायु सेना को धन्यवाद-सना से 488 भारतीय नागरिकों को लेकर तीन विमान जिबूती के लिए रवाना हो चुके हैं।"
अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि एयर इंडिया द्वारा यमन की राजधानी सना से बाहर निकाले गए नागरिकों की यह अभी तक की सबसे अधिक संख्या है।
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय नौसेना ने यमन के अल हौदेदाह बंदरगाह से तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भी बाहर निकाला है। इसके बदले में पाकिस्तानी अधिकारियों ने मकाला से भारत के 11 नागरिकों को बाहर निकाला है।
भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस मुंबई रविवार सुबह 440 लोगों के साथ सुरक्षित जिबूती पहुंचा। इसमें भारतीयों के अलावा 17 अन्य देशों के नागरिक भी सवार थे। इन लोगों को भारी गोलाबारी के बीच अदन बंदरगाह से बाहर निकाला गया था।
जहाज पर 260 से अधिक भारतीय सवार थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, "हमने यमन में हमारे नागरिकों के साथ फंसे अफ्रीका, एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका सहित 20 अन्य देशों के 200 से अधिक नागरिकों को मदद उपलब्ध कराई है।"
अकबरुद्दीन ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "वसुधैव कुटुंबकम, (दुनिया एक परिवार है)। आईएनएस मुंबई ने भारतीयों के साथ ही यमन से 17 अन्य देशों के नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।"
उन्होंने लिखा, "एक सुरक्षित ठिकाने का नाम है-आईएनएस मुंबई। हमने कल (शनिवार) एक मानवीय प्रयास के तहत 179 भारतीयों सहित अन्य 17 देशों के नागरिकों को अदन से सुरक्षित बाहर निकाला।"
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने एक ट्वीट में बताया कि आईएनएस मुंबई जिबूती में प्रवेश करने वाला है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "यमन से 441 लोग बचाए गए। यह लोग आईएनएस मुंबई पर सवार हैं। इनमें 240 पुरुष, 121 महिलाएं और 80 बच्चे हैं।"
जहाज पर सवार विदेशी नागरिकों के संबंध में उन्होंने लिखा, "इसमें हंगरी के चार, यमन के 93, ब्रिटेन के 24, रूस के दो, फ्रांस के आठ, मिस्र के 19, नेपाल का एक, कनाडा के दो और लेबनान के तीन नागरिक सवार हैं।"
उन्होंने लिखा, "इसमें श्रीलंका का एक, मोरक्को का एक , सीरिया के दो, जॉर्डन के दो, इटली का एक, रोमानिया के दो, स्वीडन के पांच, अमेरिका के तीन नागरिक सवार हैं।"