रियाद: अत्यंत रूढ़िवादी माने जाने वाले सउदी अरब के निकाय चुनाव के शुरूआती नतीजों में कम से कम पांच महिलाओं ने जीत दर्ज की है। देश के इतिहास में पहली बार है कि महिलाएं मतदान में हिस्सा ले रही हैं और चुनाव लड़ रही हैं। देश के अलग अलग हिस्सों में पांच महिलाओं ने जीत दर्ज की है। बहुत अधिक महिलाओं के जीत दर्ज करने की संभावना नहीं है लेकिन इस सीमित बढ़त को ही महिलाओं के लिए आगे की दिशा में बढ़ा हुआ कदम माना जा रहा है।
मक्का के मेयर ओसामा अल-बार ने कहा कि उम्मीदवार सलमा अल ओतेबी ने मदराख में जीत दर्ज की है। सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए ने ओसामा अल-बार के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि सलमा ने इस सीट पर दो महिला और सात पुरूष प्रतिद्वंद्वियों को परास्त किया।
सउदी अरब में पहली बार महिलाओं को मताधिकार इस्तेमाल करने और जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार मिला है। नगर पालिका परिषद् की 2,100 सीटों पर लड़ रहे करीब 7,000 उम्मीदवारों में से 979 महिलाएं हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए महिलाओं को कई अडचनें पार करनी पड़ी हैं।
सउदी अरब में राजशाही है और यहां महिलाओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध है और उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर खुद को सिर से पैर तक ढंक कर रखना होता है। सार्वजनिक सुविधाओं में लैंगिक विलगाव लागू है जिसका मतलब यह हुआ कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान महिला उम्मीदवार पुरूष मतदाताओं से संपर्क नहीं कर सकती। लैंगिक विलगाव के इस कानून के तहत सउदी अरब में पुरूष और महिला मतदाताओं ने अलग अलग मतदान केन्द्रों पर मतदान किया।