रियाद: सऊदी अरब ने शनिवार को आतंकवाद के 47 आरोपियों के सिर कलम कर दिये। इनमें एक प्रमुख शिया मौलवी भी शामिल है। बाताया जाता है कि इनमें से ज़्यादातर का संबंध अल क़ायदा से था।
गृह मंत्रलाय के अनुसार अल क़ायदा ने 2003-06 के दौरान की हमले किये थे और इन्हें इसी सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया था। इन हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
इसके अलावा 2011-13 के दौरान विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में भी शिया समुदाय के सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। विरोध के दौरान पैट्रोल हम फ़ेंकने से कई पुलिसकर्मी मारे गए थे। कई शिया मुसलमानों को भी मौत के घाट उतारा गया है।
इस बीच ईरान ने धमकी दी है कि शिया मौलवी को मौत के घाट उतारना उसे बहुत मंहगा पड़ेगा।
सिर कलम करने के बाद सऊदी अरब के प्रमुख मुफ़्ती शेख़ अब्दुल अज़ीज़ अल-शेख़ ने टीवी पर आकर इस सज़ा को सही ठहराया।
पिछले साल कम से कम 157 लोगों के सिर कलम किये गए थे।
अमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि सऊदी अरब में मौत के घाट उतारने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं हालंकि ऐसा क्यों हो रहा ये स्पष्ट नहीं है।
सऊदी अरब में अमूमन तलवार से सिर कलम करके मौत की सज़ा दी जाती है।
मानवाधिकार के लोगों का कहना है कि सऊदी अरब में निष्पक्ष सुनवाई नही होती जबकि गृह मंत्रालय का कहना है कि मौत की सज़ा से लोगों को सबक मिलता है और अपराध कम होते हैं।
अमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार पिछले साल चीन और ईरान के बाद सऊदी अरब में सबसे ज़्यादा लोगों को मौत की सज़ा दी गई है।
सऊदी अरब के इस्लामिक क़ानून के तहत हत्या, नशीली दवाओं की तस्करी, सशत्र डकैती, बलात्कार और धर्मपरिवर्तन पर मौत की सज़ा दी जाती है।