मानागुआ: मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ में पेंशन प्रणाली में संशोधनों को लेकर हो रहा विरोध प्रदर्शन ज्यादा तीव्र और हिंसक होता जा रहा है। इस देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 25 लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके बाद देश के कई हिस्सों में सैनिकों की तैनाती की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार सुबह सेना को नगरपालिका कार्यालय की रक्षा के लिए तैनात किया गया। वहीं, सरकारी संस्थानों की सुरक्षा के लिए कुछ सैनिकों को राजधानी के 149 किलोमीटर उत्तर में एस्टेली में तैनात किया गया।
निकारागुअन इनिशिएटिव ऑफ ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स व निकारागुअन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट के अनुसार, 67 छात्र घायल हुए हैं जबकि 43 लापता हैं। इस दौरान 20 को हिरासत में लिया गया है। प्रदर्शन के दौरान एक टीवी स्टेशन में आग लगा दी गई जबकि कई संचार प्रणालियां अवरुद्ध हैं। सेना ने एक बयान में कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा के लिए सैनिकों को तैनात किया गया है। सेना साथ ही इस मुद्दे से निपटने के लिए वार्ता का आह्रान किया है।
इस संकट के शुरू होने के बाद से अपने पहले बयान में राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा ने कहा कि सरकार सामाजिक सुरक्षा सुधारों में संशोधन करने और बातचीत के लिए तैयार है। सामाजिक सुरक्षा सुधारों के तहत वेतन के उस प्रतिशत में वृद्धि की गई है जिसे कर्मचारियों और नियोक्ताओं को निकारागुअन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सिक्योरिटी के लिए योगदान में दिया जाता है। नए सामाजिक सुरक्षा नियमों के मुताबिक, कर्मचारियों को निकारागुअन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सिक्युरिटी (NISS) को अब 6.25 प्रतिशत की जगह अपने वेतन में से 7 फीसदी कर का भुगतान करना होगा, जबकि नियोक्ताओं को 19 प्रतिशत की जगह 21 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
व्यवसायियों और विशेषज्ञों ने इसे NISS को दिवालिया होने से बचाने के लिए चली गई चाल बताते हुए इसे खारिज कर दिया है। उन लोगों को इस बात का भी डर है कि ये सुधार बेरोजगारी, कम खपत और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे सकते हैं और कारोबार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस गरीब मध्य अमेरिकी देश में राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा के 11 साल के कार्यकाल में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन हैं।