जुबा: युद्धग्रस्त दक्षिणी सूडान में साढ़े 12 लाख लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। पिछले साल ठीक इसी समय आए आंकड़े की अपेक्षा इस साल जारी आंकड़ों में भुखमरी का सामना कर रहे लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है। संयुक्त राष्ट्र और सरकार द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। मानवीय सरोकार से जुड़े लोगों और सरकार ने चेतावनी दी है कि यह अफ्रीकी देश एक बार फिर 2018 में भुखमरी का सामना कर सकता है।
इस रिपोर्ट के लिए आंकड़े उपलब्ध कराने वाली एक मानवीय संगठन REACH की कंट्री कॉर्डिनेटर केटी रिकार्ड ने बताया कि लोगों में खाद्य पदार्थों के उपभोग को लेकर बड़े पैमाने पर अंतराल से हम लोगों को चिंतित होना चाहिए क्योंकि दक्षिणी सूडान के कई हिस्सों में साल 2018 में भुखमरी की भंयकर स्थिति होगी। मानवतावादियों ने इस स्थिति को बेहद खराब बनाने के लिए दक्षिणी सूडान में चल रहे संघर्ष को जिम्मेदार ठहराया है। यह संघर्ष करीब 5 सालों से चल रहा है और अब तक 50,000 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने बताया कि फरवरी में दुनिया के इस सबसे नए देश ने यूनिटी स्टेट के 2 काउंटी में भुखमरी घोषित की थी। सोमालिया द्वारा साल 2011 में भुखमरी की घोषणा करने के बाद औपचारिक तौर पर पहली बार दुनिया में यहां भुखमरी की घोषणा हुई थी। यहां करीब 1,00,000 लोग भुखमरी के कगार पर थे लेकिन इस पर तेजी से कार्रवाई कर इस संकट को टाल दिया गया।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र और दक्षिण सूडान के ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स द्वारा खाद्य और सुरक्षा विश्लेषण के नए आंकड़े डराने वाले हैं। सितंबर तक यहां की जनसंख्या की कुल 56 प्रतिशत आबादी यानी 60 लाख लोग खाद्य संकट से गुजर रहे थे। दक्षिण सूडान में युद्ध की वजह से खाद्य पदार्थों का उत्पादन असंभव हो गया है और राहत पहुंचाने का कार्य भी खतरनाक और कठिन है।