ममता बनर्जी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद दिलीप घोष को पार्टी से नोटिस मिल चुका है। तृणमूल कांग्रेस भी उनपर लगातार हमलावर है। अब इस पूरे विवाद और पार्टी से मिले नोटिस पर दिलीप घोष ने भी अपनी बात रखी है। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा है कि मेरी भाषा को लेकर आपत्ति जताई गई है, मेरी पार्टी की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया है, अगर ऐसा है तो मैं इसके लिए दुखी हूं। इसके साथ ही उन्होंने तृणमूल नेताओं द्वारा कहे गए अपशब्दों का भी मामला उठाया है।
क्या सुवेंदु का कोई मान-सम्मान नहीं है?- दिलीप घोष
भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह मेरा राजनीतिक बयान था, लेकिन मैं प्रश्न करूंगा कि आपके (TMC) पार्टी के नेता हमारे नेता सुवेंदू अधिकारी और उनके पिता को लेकर कई अपशब्द का प्रयोग कर चुके हैं। क्या उनका कोई मान-सम्मान नहीं है? TMC ने तब कोई आपत्ति नहीं जताई? सुवेंदु अधिकारी एक पुरुष हैं, क्या इसलिए उनके लिए इस्तेमाल किए गए अपशब्द पर किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई?
मैं अन्याय करने वालों के सामने बोलता हूं- दिलीप घोष
दिलीप घोष ने कहा है कि पार्टी द्वारा जारी किए नोटिस का जवाब मैं आधिकारिक रूप से दूंगा। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि मुझे अपने बयान पर विवाद का सामना करना पड़ा है, क्योंकि मैं अन्याय करने वालों के सामने बोलता हूं। पार्टी समेत कई लोगों ने कहा कि मैंने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। अगर ऐसा है तो मैं इस पर दुख व्यक्त करता हूं। मैं नोटिस का आधिकारिक जवाब दूंगा।
नोटिस नें क्या कहा गया?
दरअसल, दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के पिता को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद भाजपा ने उन्हें नोटिस जारी किया। इस नोटिस में लिखा गया कि आज का दिया गया वक्तव्य अशोभनीय एवम् असंसदीय है जो भारतीय जनता पार्टी की परंपराओं के विपरीत है, पार्टी ऐसे वक्तव्य की निंदा करती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निर्देशानुसार आप शीघ्र से शीघ्र इस संबंध में स्पष्टीकरण दें और उचित कार्यवाही करें।
ये भी पढ़ें- दिलीप घोष ने सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ की विवादित टिप्पणी, BJP ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब