नई दिल्ली: चुनावी राज्यों में शुमार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का फोकस बढ़ गया है। एक साल में चार बार संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के दौरे से बड़े संकेत मिलते हैं। तीन दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद 25 सितंबर को मोहन भागवत कोलकाता से रवाना होंगे। बताया जा रहा है कि वह कोलकाता से ओडिशा जाएंगे।
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 22 सितंबर को कोलकाता पहुंचे। संघ सूत्रों ने बताया कि अगले दिन 23 सितंबर यानी बुधवार को उन्होंने पश्चिम बंगाल के कुछ संघ प्रचारकों से भेंट कर उनसे राज्य के हालात के बारे में जानकारी ली। वह 24 सितंबर को भी संघ और सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों से मिलेंगे। इसके बाद 25 सितंबर की सुबह कोलकाता से रवाना होंगे। सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक साल में चार बार के दौरे से पश्चिम बंगाल को लेकर आरएसएस की खास रणनीति के संकेत मिलते हैं।
राज्य में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिस तरह से ममता बनर्जी सरकार तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है, उससे संघ राज्य में किसी भी परिस्थिति में सत्ता परिवर्तन चाहता है। ऐसे में संघ राज्य में चुनाव से पहले अपने काडर को मजबूत करने में जुटा है। संघ के शीर्ष अधिकारियों की ओर से पश्चिम बंगाल पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। गांव-गांव से संघ स्वयंसेवक तैयार करने में जुटा है।
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की सक्रीयता की बात करें तो इससे पूर्व पिछले साल वह एक और 31 अगस्त को कोलकाता आए थे, वहीं 19 सितंबर 2019 को भी उनका दौरा हुआ था। उस दौरान भी उन्होंने कई संगठनात्मक बैठकें लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। इस प्रकार मोहन भागवत का सितंबर 2020 में यह चौथा दौरा है।