कुणाल घोष और तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय के बीच महीनों से तकरार चल रही थी। 10 मार्च को ममता बनर्जी कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में महारैली करने वाली है, इसकी तैयारी के लिए कोलकाता में सुदीप ने गुरुवार शाम को टीएमसी नेताओं की बैठक बुलाई थी, उसमें कुणाल घोष को नहीं बुलाया। गुस्से में आकर कल रात ही कुणाल घोष ने ट्विटर पर सुदीप का नाम लिए बगैर वार कर दिया, पर इशारा सुदीप की ओर था। कुणाल घोष ने लिखा – “नेता अयोग्य, और ग्रुपबाज स्वार्थपर। सालभर शरारत करेंगे और चुनाव से ठीक पहले दीदी, अभिषेक के नाम लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद से चुनाव जीतेंगे। व्यक्तिगत स्वार्थसिद्ध करेंगे, ऐसा बार बार नहीं हो सकता।”
सुदीप बंदोपाध्याय पर कुणाल घोष का हमला
इस्तीफा देने के तुरंत बाद कुणाल घोष ने ट्विटर पर लिखा, "मोदी बंगाल की सरजमीं पर झूठ बोल कर चले गये। तर्क देकर उनके आरोपों को धोया जा सकता है, लेकिन सवाल ये है कि कड़ी निंदा करने की मूल जिम्मेवारी जिन लोगों की था, दोनों अलग विरोधी दलों के लोकसभा में नेता तो प्रधानमंत्री के ही आदमी हैं। इन दोनों का बीजेपी से सम्पर्क है। मोदी इन दोनों का अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करते हैं। इनमें से एक को तो Rose Valley Scam से बचाकर गले में पट्टा बांध दिया है।" बता दें कि ये इशारा भी सुदीप बंदोपाध्याय पर ही था।
रोज वैली स्कैम की दिलाई याद
बता दें कि 2017 में सीबीआई ने Rose Valley के मालिक से 27 लाख रुपये लेने के आरोप में सुदीप को गिरफ्तार कर भुवनेश्वर की जेल भेज दिया था। वो वहां की जेल में महीनों बंद थे, लेकिन बाद में उन्हें बेल मिला था। इस घोटाले में 130 करोड़ रुपये ED ने 2018 में जब्त किये थे और सुदीप से पूछताछ की थी। रोज वैली ने पूंजी लगाने वालों से 17 हजार करोड़ रुपये हड़प लिए थे। जिस दूसरे नेता की कुणाल घोष बात कर रहे हैं, वे हैं कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी। बता दें कि इस्तीफा देने से पहे ही कुणाल घोष ने अपने twitter profile से TMC spokesperson , general secretary जैसे सारे पद हटा दिए हैं और सिर्फ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता लिख दिया है।