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क्या है पश्चिम बंगाल का टैबलेट घोटाला? पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया

दरअसल, इस योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को टैबलेट खरीदने के लिए 10,000 रुपये दिए जाते हैं। छात्रों के बैंक खातों में भेजी गई सरकारी धनराशि को अन्यत्र भेज दिया गया।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Nov 16, 2024 23:26 IST, Updated : Nov 16, 2024 23:26 IST
प्रतिकात्मक तस्वीर
Image Source : FILE प्रतिकात्मक तस्वीर

कोलकाता: पश्चिम बंगाल पुलिस ने शनिवार को टैबलेट योजना घोटाले के संबंध में दो और लोगों को गिरफ्तार किया और 27 प्राथमिकी दर्ज कीं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों के 16 लाख छात्रों में से 1,911 छात्र राज्य सरकार की 'तरुणेर स्वप्नो' योजना से जुड़े साइबर धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। अधिकारी ने कहा, "हमने 120 मामले दर्ज किए हैं और मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए 13 और लोगों को गिरफ्तार किया है।” पुलिस ने मामले की जांच करने और छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने वालों की पहचान करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। 

क्या है टैबलेट घोटाला?

दरअसल, इस योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को टैबलेट खरीदने के लिए 10,000 रुपये दिए जाते हैं। छात्रों के बैंक खातों में भेजी गई सरकारी धनराशि को अन्यत्र भेज दिया गया। इस घोटाले में अब तक 93 मामले दर्ज किए गए हैं और धोखाधड़ी की गतिविधियों के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कक्षा 10वीं और 12वीं के 16 लाख छात्रों में से 1,911 छात्रों के साथ धोखाधड़ी की गई है।" सरकार के अनुसार यह धोखाधड़ी महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड सहित कई राज्यों से संचालित साइबर अपराधियों द्वारा की गई थी। 

अंतरराज्यीय गिरोहों की संलिप्तता

उन्होंने कहा, "जांच में ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि इसमें अंतरराज्यीय गिरोहों की संलिप्तता है। गिरफ्तार किए गए कुछ संदिग्धों ने कथित तौर पर इन अभियानों में शामिल होने की बात स्वीकार की है और छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों से पिछले साइबर घोटालों में उनकी भागीदारी की पुष्टि हुई है, इसमें अन्य प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से धन की हेराफेरी भी शामिल है।"

जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा-ममता

राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले उच्चतर माध्यमिक के प्रत्येक छात्र के बैंक खाते में 10,000 रुपये भेजे थे ताकि वह टैबलेट या मोबाइल फोन खरीद सके, लेकिन कथित गड़बड़ी के कारण उनमें से कई छात्रों को यह धनराशि नहीं मिली। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘एसआईटी का गठन किया गया है। हमारा प्रशासन बहुत मजबूत है। जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा। इस मामले में शामिल समूह महाराष्ट्र और राजस्थान से है। ऐसे समूह लगभग सभी अन्य राज्यों में मौजूद हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने उन सभी लोगों को पैसा देना शुरू कर दिया है जिन्हें पैसा नहीं मिला था। 

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