कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों ने राज्य में 8 चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाने की चुनाव आयोग की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होंगे। प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि वह 10 से 12 चरणों में चुनाव कराए जाने की उम्मीद कर रही थी, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि चुनाव अगर हिंसा मुक्त हों तो चरणों की संख्या मायने नहीं रखती है। वहीं, पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस 8 चरणों में चुनावों की घोषणा ने नाखुश नजर आईं।
’10 से 12 चरणों में होने चाहिए थे चुनाव’
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘हम खुश हैं। हमें उम्मीद है कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होंगे और राज्य के लोगों को बिना किसी भय के अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने की अनुमति दी जाएगी।’ राज्य कांग्रेस के नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि चुनाव कम से कम 10 से 12 चरणों में होने चाहिए थे और आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि बंगाल में किस तरह से पंचायत चुनाव हुए हैं। हिंसा के कारण कई लोग मारे गए। हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग सुनिश्चित करेगा कि चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से हों।’
‘8 चरणों के चुनाव से हम काफी नाखुश हैं’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि चरणों की संख्या बढ़ाने के बजाए चुनाव के दौरान सुरक्षा मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘केवल 7 या 8 चरण काफी नहीं हैं। मतदाताओं को किसी भी तरह के भय या धमकी से मुक्त होना चाहिए।’ इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि इतने चरण में चुनाव कराया जाना अभूतपूर्व है। टीएमसी के सांसद और प्रवक्ता सौगत राय ने कहा, ‘यह उचित नहीं है। राज्य में इतने लंबे समय तक चुनाव कभी नहीं हुआ। चूंकि, बीजेपी शिकायत कर रही है इसका यह मतलब नहीं है कि वे जो कह रहे हैं वह सच है। 8 चरणों के चुनाव से हम काफी नाखुश हैं।’
‘बंगाल में कई चरणों में चुनाव क्यों?’
वहीं, सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें संदेह है कि तारीखों की घोषणा बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सुझावों के अनुसार की गई है। बनर्जी ने कालीघाट स्थित अपने आवास पर कहा कि चुनाव आयोग को राज्य को ‘भगवा खेमे की आंखों से’ नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग का पूरा सम्मान करते हुए मैं यह कहना चाहती हूं कि इस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि बंगाल में कई चरणों में चुनाव क्यों होंगे, जबकि अन्य राज्यों में एक चरण में मतदान होगा।’ पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 8 चरणों में चुनाव होंगे। वोटों की गिनती 2 मई को होगी।