
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में मचे घमासान से जुड़ी बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। टीएमसी के दो सांसद कल्याण बनर्जी और कीर्ति आजाद आपस में भिड़ गए। उनके बीच पहले चुनाव दफ्तर में कहासुनी हुई फिर उसके बाद व्हाट्सएप चैट पर जंग हुई। मामला 4 अप्रैल का है, जब टीएमसी के सांसदों को ज्ञापन सौंपने चुनाव आयोग के दफ्तर जाना था। तय कार्यक्रम के मुताबिक टीएमसी सांसदों को पहले पार्टी दफ्तर पर जमा होना था फिर वहां से चुनाव आयोग मुख्यालय पहुंचना था। लेकिन एक सांसद संसद से सीधे चुनाव आयोग पहुंच गए। ये बात दूसरे सांसद को चुभ गई।
दोनों सांसदों के बीच व्हाट्सअप ग्रुप में कैसे हुई भिड़ंत?
तो आपको बता दें कि इस बहस की शुरुआत कल्याण बनर्जी के व्हाट्सएप चैट से हुई। कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद से कहा कि मैं दिल्ली से कोलकाता पहुंच गया हूं। बीएसएफ और दिल्ली पुलिस को भेजकर मुझे गिरफ्तार करवा लो। इसके बाद कल्याण बनर्जी ने इंटरनेशनल ग्रेट लेडी लिखा। इसके बाद कीर्ति आजाद ने कल्याण बनर्जी को जो जवाब दिया, उसे देखकर आप दंग रह जाएंगे। कीर्ति आजाद ने कहा कि कल्याण बनर्जी तुमने ज्यादा ही पी ली है। जाओ और आराम से सो जाओ। कीर्ति आजाद ने कहा कि कल्याण बनर्जी बच्चों की तरह बर्ताव कर हैं सयानों की तरह नहीं जबकि ममता बनर्जी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कीर्ति आजाद ने यहां तक कह दिया कि मुझे उकसाओ मत।
इसके बाद कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद को जवाब दिया। कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि कीर्ति आजाद को अंदरूनी राजनीति करने के कारण पार्टी से निकाला गया था। उन्होंने यहां तक कहा कि कीर्ति इतने पॉपुलर हैं कि क्रिकेट का चुनाव हार गए थे।
बीजेपी नेता ने Whatsapp ग्रुप के मैसेज भी शेयर किए
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मामले को उठाया है। अमित मालवीय ने बताया कि 4 अप्रैल को चुनाव आयोग के मुख्यालय पर इन दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि इस झगड़े की आंच पार्टी के एक वॉट्सऐप ग्रुप तक भी पहुंची। उन्होंने एक बहुमुखी अंतरराष्ट्रीय महिला का ज़िक्र किया, जिससे यह मामला और भी बढ़ गया।
अमित मालवीय ने एक्स (X) पर लिखा कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दोनों सांसद चुनाव आयोग के ऑफिस में एक ज्ञापन देने गए थे। वहां उनके बीच ज़ोरदार बहस हुई। उनके अनुसार, पार्टी ने अपने सांसदों को कहा था कि वे संसद भवन में इकट्ठा होकर ज्ञापन पर साइन करें। फिर ईसी (EC) जाएं। लेकिन, जिस सांसद के पास ज्ञापन था, वह संसद भवन नहीं गए और सीधे ईसी ऑफिस चले गए।
पुलिस ने कराया बीच-बचाव
कहा जा रहा है कि इस बात से दूसरे सांसद नाराज हो गए और इसी वजह से दोनों के बीच जोर-जोर से बहस हुई। बात इतनी बढ़ गई कि पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। मालवीय ने यह भी कहा कि यह मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचा। उन्होंने दोनों सांसदों को शांत रहने के लिए कहा।
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