कोलकाता: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच को लेकर सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ के समक्ष सीलबंद लिफाफे में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। पीठ ने कहा कि इस मामले में पांच नवंबर को सुनवाई होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनावों के बाद कथित हत्या और बलात्कार तथा बलात्कार के प्रयास सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की 19 अगस्त को सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद कथित हिंसा की स्वतंत्र जांच के अनुरोध को लेकर दाखिल जनहित याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने अन्य सभी मामलों में जांच की निगरानी के लिए पश्चिम बंगाल काडर के तीन आईपीएस अधिकारियों की एक एसआईटी के गठन का भी आदेश दिया था।
पीठ में आईपी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार अन्य सदस्य हैं। पीठ ने निर्देश दिया कि दोनों जांच की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी और सीबीआई तथा एसआईटी को अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
बाद में पीठ ने एसआईटी के कामकाज का ‘‘अवलोकन’’ करने के लिए केरल उच्च न्यायालय, कलकत्ता उच्च न्यायालय और बम्बई उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मंजुला चेल्लूर को नियुक्त किया था। अदालत ने निर्देश दिया था कि मामले को आगे की सुनवाई के लिए चार अक्टूबर को एक खंडपीठ के समक्ष रखा जाएगा।