West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा मामले में सीबीआई ने अब तक कुल 11 एफआईआर दर्ज की हैं। हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग, छेड़छाड़, रेप के अलग-अलग मामलों में 9 एफआईआर कल (गुरुवार) दर्ज की गई थीं जबकि शुक्रवार को 2 एफआईआर दर्ज की गई हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा में हत्या, सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास की घटनाओं से संबंधित 11 प्राथमिकियां अब तक दर्ज की हैं, जिनमें 99 लोगों के नाम हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बाद हत्या और बलात्कार के मामलों की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने इन मामलों की जांच के लिए 4 विशेष जांच टीमों का गठन किया था जिसमें चार संयुक्त निदेशक शामिल हैं और प्रत्येक टीम में 25 अधिकारी कर्मचारी रखे गए हैं।
सीबीआई ने चुनाव बाद हिंसा के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है। अधिकारी फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटनास्थल पर जाने की तैयारियां कर रहे हैं। कोलकाता हाई कोर्ट ने 18 अगस्त को जांच के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद अलग-अलग मामलों में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। शुक्रवार को सीबीआई ने बंगाल हिंसा पर जांच की कमान अब खुद संभाल ली है। बता दें कि, इससे पहले पश्चिम बंगाल के कई पुलिस स्टेशन में कई आरोपों के तहत केस दर्ज कराए गए थे, अब उन सभी मामलों की पड़ताल सीबीआई की टीम करेगी।
शुक्रवार को सार्वजनिक की गई कुछ प्राथमिकियों से पता चला है कि एक मामला तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता की हत्या से संबंधित है, तीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं की हत्या और हत्या के प्रयास से संबंधित हैं, जबकि चार मामलों में पीड़ितों या आरोपियों के किसी भी पार्टी से जुड़ाव को उजागर नहीं किया गया है। प्राथमिकियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के दौरान कुछ पीड़ितों की हत्या कर दी गई, भीड़ द्वारा उन पर हमला किया गया, और सामूहिक बलात्कार किया गया।
सीबीआई ने अब तक बांकुड़ा, नदिया, कोलकाता, कूचबिहार, उत्तरी 24 परगना, मुर्शिदाबाद सहित अन्य स्थानों से अपराध के मामले दर्ज किए हैं। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि हत्या के एक मामले में, पीड़ित परिवार की महिलाओं का भीड़ ने यौन उत्पीड़न किया था। प्राथमिकियों में दो मई से 14 जून 2021 के बीच दर्ज किए गए अपराधों का विवरण है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि चार मई को टीएमसी समर्थक साहिनूर अहमद और प्रसेनजीत खाना खा रहे थे, तभी भाजपा के चार समर्थक उनके साथ शामिल हो गए। भोजन के बाद अहमद और प्रोसेनजीत पर हमला किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्हें घसीटकर पास के मक्का के खेत में ले जाया गया और वहीं छोड़ दिया गया। घटना में प्रोसेनजीत बच गया, अहमद की मृत्यु हो गई।
इस बीच, सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने यहां बताया कि मुर्शिदाबाद में सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देशों के अनुसार मामलों को अपने हाथ में ले लिया है। अदालत ने एजेंसी को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान कथित हत्या और बलात्कार की घटनाओं की जांच का काम सौंपा था।
हाई कोर्ट में दाखिल हुई थीं कई याचिकाएं
कोलकाता हाई कोर्ट के सामने कई जनहित याचिकाएं बंगाल हिंसा पर दायर की गईं, जिसमें आरोप लगाया गया कि विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा में लोगों को मार डाला गया, बलात्कार किया गया और उन्हें भागने के लिए मजबूर किया गया। अदालत ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से जांच करने को कहा था। NHRC ने अपनी रिपोर्ट में इशारा किया था कि यह सत्तारूढ़ दल के समर्थकों द्वारा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक हिंसा थी।