नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में सरकारी तंत्र का बहुत ज्यादा राजनीतिकरण हो गया है जो राज्य की प्रजातांत्रिक व्यवस्था के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बताया कि पश्चिम बंगाल की राजनीति रक्तरंजित हो चुकी है और राज्य में राजनीतिक हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राज्यपाल धनखड़ ने बताया कि पश्चिम बंगाल में नौकरशाह एक तरह से सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता बन चुके हैं।
इंडिया टीवी से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे लगातार सरकार, राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को इसको लेकर आगाह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी राजनितिक कार्यकर्ता का काम नहीं कर सकते और अगर वे लोग ऐसा करेंगे तो प्रजातांत्रिक व्यवस्ता के सामने बड़ी चुनौती हो जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को कहा कि अपने अधिकारियों और कर्मचारियों कहिए कि वे राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम न करें। राज्यपाल ने कहा कि कई जगहों पर नौकरशाह न सिर्फ राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं बल्कि वे एक तरीके से राजनीतिक दल की फ्रंट लाइन इनफेंट्री और अटलरी तक बन चुके हैं।
इंडिया टीवी से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीती से प्रेरित होकर लोगों की सुरक्षा हटाई जा रही है, किसी का अगर राजनीतिक आचरण बदलता है तो सुरक्षा हटा दी जाती है। उन्होंने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ दल के सांसदों और विपक्षी दल के सांसदों के साथ अलग-अलग तरह का व्यव्हार होता है। राज्यपाल ने कहा कि खुद मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन ने उनसे बताया कि राज्य का मानव अधिकार कमिशन वेंटिलेटर पर चल रहा है।
राज्यपाल ने उन आरोपों का भी खंडन किया जिसमें कहा जाता है कि वे केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं। राज्यपाल ने इंडिया टीवी से कहा कि वे सिर्फ भारतीय संविधान के सिपाही हैं और सिर्फ उसे ही फॉलो करते हैं। उन्होंने कहा कि एक भी कदम राज्यपाल का मुख्यमंत्री बता दें जो सीमा के बाहर उठाया हो।